असम चुनाव में इस बार एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में आठ पार्टियां साथ आ गई हैं, इनमें कांग्रेस, AIUDF के अलावा तीन लेफ्ट पार्टियां, एक क्षेत्रीय पार्टी और BPF-RJD भी शामिल हैं।
असम में कांग्रेस की अगुवाई वाले छह दलों के विपक्षी महागठबंधन का विस्तार हुआ है। कभी भाजपा के साथ गठबंधन का हिस्सा रहे बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही NDA का साथ छोड़ दिया है। BPF के प्रमुख हाग्राम मोहिलारी ने शनिवार को सोशल मीडिया से इसका ऐलान करते हुए कहा,
“असम को भ्रष्टाचार से मुक्त करने, राज्य में शांति, एकता और विकास के लिए बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने महाजथ (महागठबंधन) के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है।”
हाग्राम मोहिलारी, BPF प्रमुख
असम चुनाव में BJP के खिलाफ विपक्ष में जुटीं कई पार्टियां
इससे पहले तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी असम में महागठबंधन में शामिल हो गई, जिससे असम में तीन चरणों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ उसकी स्थिति और मजबूत हुई। भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के खिलाफ मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने पहले एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ महागठबंधन का गठन किया था।
BPF कितना नुकसान कर सकती है?
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के विधानसभा में 11 विधायक हैं। उसके सर्वानंद सोनोवाल सरकार में तीन मंत्री थे। वहीं, राजद बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और जिसके राज्यसभा में पांच सदस्य थे, लेकिन लोकसभा में कोई भी नहीं है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राजद को 75 सीटें मिली थीं। असम चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को लगा ये झटका क्या राज्य में उसका हिसाब बिगाड सकता है।
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