उत्तर कोरिया में रूसी राजनयिकों की हालत पस्त, पैदल भागे

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उत्तर कोरिया में कोरोना महामारी की वजह से सख़्त पाबंदी लगाई गई है जिसके कारण रूसी राजनयिकों को एक किलोमीटर तक रूस की सीमा तक रेल ट्रैक पर ट्रॉली को धकेल कर ले जाना पड़ा है.

उत्तर कोरिया ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ज़्यादातर यात्री परिवहनों पर पाबंदी लगाई है. सीमा पर भी अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं ताकि संभावित संक्रमण को रोका जा सके. इसकी वजह से रूसी राजनयिकों के एक समूह को परिवार सहित उत्तर कोरिया छोड़कर निकलना पड़ा है.  राजनयिकों ने देश से बाहर जाने के लिए हाथ से धकेली जाने वाली रेल ट्रॉली का इस्तेमाल किया है. इससे पहले आठ लोगों के इस समूह ने उत्तर कोरिया-रूस सीमा तक पहुंचने के लिए ट्रेन और बस के ज़रिए सफ़र तय किया.

उत्तर कोरिया में लगी सख्त पाबंदी

उत्तर कोरिया ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ज़्यादातर यात्री परिवहनों पर पाबंदी लगाई है. सीमा पर भी अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं ताकि संभावित संक्रमण को रोका जा सके. बीते साल की शुरुआत से ही देश के अंदर और बाहर आने-जाने के लिए ट्रेन और गाड़ियों के इस्तेमाल पर रोक लगी हुई है. ज़्यादातर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी पाबंदी है. ऐसे में रूसी राजनयिकों के पास और कोई विकल्प नहीं था. रूसी विदेश मंत्रालय ने फे़सबुक पर एक पोस्ट कर लिखा है, “चूंकि सीमा एक साल से अधिक वक्त से बंद है और यात्रियों के आवागमन पर पाबंदी लगी हुई, इसलिए सफर अब लंबा और मुश्किलों भरा हो गया है.

पिछले एक साल में कई देशों ने यहां अपने दूतावास बंद कर दिए गए हैं, कई विदेशी राजनयिकों ने उत्तर कोरिया छोड़ दिया है. अधिकांश लोग सीमा पार कर चीन चले गए.

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