शराब का इतिहास बहुत पुराना है. कहते तो यह है कि समुद्र मंथन में मदिरा भी निकली थी जिसे राक्षसों ने ले लिया था. लेकिन पुरातत्वशास्त्रियों ने मिस्र में 5000 साल पुरानी ब्रुअरी यानी शराब की भट्टी ढूंढ निकाली है जहां बड़े पैमाने पर शराब बनाई जाती थी. यह भट्टी अंतिम संस्कार करने वाली जगह के पास मिली है.
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में शराब बनाने के लिए अलग-अलग उपाय किए जाते हैं. शराब भी कई तरह की होती है. लेकिन पुराने समय में शराब बनाने के उपकरण और तरीके एकदम अलग हुआ करते थे. जानकार बता रहे हैं कि मिस्र में भारी मात्रा में शराब बनाने वाली यह दुनिया की सबसे पुरानी भट्टी हो सकती है. शनिवार को मिस्र के पर्यटन मंत्रालय ने इसके बारे में जानकारी दी. इसकी खोज नॉर्थ एबिडोस के सोहाग में मिस्र और अमेरिका की एक संयुक्त टीम ने किया है.
शराब की भट्टी किंग नारमेर के जमाने की हो सकती है. नारमेर ने 5000 साल पहले मिस्र में शासन किया था. उन्होंने ऊपरी और निचले मिस्र को एकजुट कर पहले राजवंश की स्थापना की थी.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पुरातत्वशास्त्री मैथ्यू एडम्स का कहना है कि रिसर्च से पता चला है कि इस ब्रुअरी से एक बार में 22,400 लीटर शराब बनाई जाती थी. संयुक्त टीम का नेतृत्व मैथ्यू एडम्स ही कर रहे थे. टीम की तरफ से जारी बयान में एडम्स के हवाले से कहा गया है, “इस जगह इसे खास तौर से शाही रिवाजों के दौरान शराब परोसने के लिए बनाया गया था जो राजा के अंतिम संस्कार के दौरान होता थे.” बयान में यह भी कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान होने वाले रिवाजों में बीयर का इस्तेमाल करने के सबूत मिले हैं.
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मिस्र में बीयर बनाने की बात नई नहीं है. इसके पहले हुई खोजों से भी बीयर बनाने की जानकारी मिलती रही है. मिस्रवासी जिन बर्तनों में बीयर बनाते थे उसके टुकड़े 2015 में तेल अवीव में खोजी गई एक प्राचीन इमारत से भी मिले थे. यह भी करीब 5000 साल पुराने थे. एबिडोस के जिस इलाके में यह शराब की भट्टी मिली है वहां इस साल और भी कई प्राचीन चीजें सामने आईं हैं. यह जगह अपने मंदिरों के लिए विख्यात है.
हाल ही में मिस्र के एलेकसैंड्रिया शहर के पास मौजूद एक मिशन ने 2000 साल पुरानी कई ममियों की खोज की है. इन ममियों को सोने की तावीजें भी पहनाई गई हैं. इन तावीजों को इसलिए मरने वाले के मुंह में रखा जाता था जिससे कि वो मरने के बाद भी बोल सकें. मिस्र ने इस साल कई खोजों की जानकारी दी है और उसे उम्मीद है कि इन सब की वजह से देश में पर्यटन उद्योग नई ऊंचाई पर पहुंचेगा. हालांकि हाल के वर्षों में 2011 की अरब वसंत क्रांति से लेकर कोरोना वायरस की महामारी तक इसने कई मुश्किलें देखी हैं.
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