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पीएम मोदी के इस मंत्री ने दिया चीन को मौका… ड्रैगन ने मौके पर लगाया चौका

पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले वीके सिंह के एक बयान को चीन एक बड़े मौके की तरह इस्तेमाल कर रहा है. सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिसको चीन ने भुनाना शुरू कर दिया है और यह मोदी सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.

माहौल बनाने के चक्कर में पीएम मोदी के खास माने जाने वाले सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने रविवार को तमिलनाडु के मदुरै में चीन को फायदा पहुंचाने वाला बयान दे दिया. पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि “अगर चीन ने एलएसी पर सीमा का दस बार अतिक्रमण किया है, तो भारत ने कम से कम पचास बार एलएसी का अतिक्रमण किया होगा.” यानी जनरल वीके सिंह का कहना था कि एलएसी (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल) पर मानी गई दोनों देशों की सीमा को भारत ने चीन की तुलना में पांच गुना ज़्यादा बार पार किया है. सिंह का ये भी कहना था कि चीन के विदेश मंत्रालय और मीडिया ने कभी इसको लेकर कोई मुद्दा नहीं बनाया है.

चीन में वीके सिंह के बयान पर भारत को घेरा

मगर इस बार वीके सिंह के बयान को चीन ने मुद्दा भी बनाया और उनके बयान का हवाला देते हुए एलएसी पर चीन की सेना की मौजूदगी को जायज़ भी ठहराया. सिंह का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सीमा पर तनातनी के बावजूद भारत सरकार के किसी भी मंत्री या राजनयिक ने चीन का नाम तक नहीं लिया है. तो क्या आप माना जाए कि भारत सरकार से एक बड़ी कूटनीतिक भूल हो गई है. क्योंकि एलएसी पर चीनी सेना की मौजूदगी को गलत ठहराते हुए भारत ने कई बार चीनी सरकार को घेरने की कोशिश की है लेकिन अब वीके सिंह के बयान को आधार बनाकर चीन अपनी गतिविधियों को जायज ठहरा रहा है.

वीके सिंह के बयान से कूटनीतिक हलकों में काफ़ी हलचल मच गयी है क्योंकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन्बिन का कहना है कि भारत बार-बार एलएसी पर ‘बॉर्डर प्रोटोकॉल’ का उल्लंघन करता आ रहा जिसकी वजह से दोनों देशों की सीमा पर टकराव की स्थिति पैदा हो रही है. एक सवाल के जवाब में वेन्बिन ने कहा,

“लंबे समय से भारत सीमा को लांघ कर अतिक्रमण करने की कोशिश करता रहा है जिसकी वजह से विवाद और झड़पें होती रहीं हैं. यही दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद की जड़ है.”

वेन्बिन ने सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री वीके सिंह के बयान को ‘अनजाने में स्वीकार’  कर लेने वाला बताया है, मगर भारत के सामरिक और कूटनीतिक हलकों में इसको लेकर ख़ासी हलचल है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी के मंत्री भारत के ख़िलाफ़ मामला बनाने में चीन की मदद क्यों कर रहे हैं? क्या उन्हें बर्ख़ास्त नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें बर्ख़ास्त नहीं करने का मतलब होगा कि आप भारतीय सैनिकों का अपमान कर रहे हैं.”

भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहा है गतिरोध

बीते दस महीनों से भारत और चीन की सेनाओं के बीच ‘एलएसी’ पर तनातनी बनी हुई है. दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़पें होने की भी ख़बरें आई हैं, जिसमें दोनों देशों के सैनिकों को नुक़सान उठाना पड़ा है. संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान भी केंद्र सरकार ने चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर सदस्यों को जवाब दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना था कि पिछले साल अप्रैल और मई महीनों के दौरान ही चीन ने ‘एलएसी पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी’. लेकिन पूर्व जनरल वी के सिंह के बयान को लेकर चीन ने जो प्रतिक्रिया दी है उसके बाद भारत के सामने एक बड़ी कूटनीतिक परेशानी खड़ी हो गई है.

https://youtu.be/yfyf8AMwKKs

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