कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुलकर फेवर कर रहे हैं. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, क्या आरएसएस के लोगों को छोड़कर बाकी सब आतंकवादी हैं’
राहुल गांधी के सवाल भारतीय जनता पार्टी को बेचैन करते हैं और यही कारण है कि राहुल गांधी जब भी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं उसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी भी तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है. कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों की मांगों को मानने के लिए राहुल गांधी ने एक बार फिर से केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते भारत की छवि को बड़ा धक्का लगा है. अब से थोड़ी देर पहले हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने कहा, “आज जो कुछ किसानों के साथ हो रहा है उसे देखा जाए तो भारत की छवि को धक्का लगा है और सवाल ये उठ रहा है कि देश अपने नागरिकों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है.”
RSS के लोगों को छोड़कर बाकी सब आतंकवादी हैं?
उन्होंने कहा, “किसान अपना हक़ मांग रहे हैं. किसान लड़ रहे हैं तो उन्हें आतंकवादी कहा जा रहा है. क्या RSS के लोगों को छोड़कर बाक़ी सब आतंकवादी हैं?“मैंने पहले भी सवाल किया है कि लोगों को लाल क़िले में क्यों घुसने दिया गया, ये जवाब गृह मंत्री को देना होगा.” प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने किसानों के मुद्दों के साथ-साथ भारत-चीन सीमा विवाद का भी ज़िक्र किया और कहा “सच बात तो ये है कि सरकार अब इस स्थिति को काबू कर नहीं पा रही है और बीजेपी की नकामी अब सामने आ रही है. मैं देख सकता हूं कि हमारे सामने बेहद मुश्किल स्थिति है और ये देश के लिए ख़तरनाक़ है.”
चीन पर चुप क्यों है मोदी सरकार?
“देश की जरूरत है कि प्रधानमंत्री छोटे और मध्यम बिज़नेस को पैसा दें और अर्थव्यवस्था को बढ़ाए जो अपने आप में चीन को भी कड़ा संदेश साबित होगा. प्रधानमंत्री से मेरी गुज़ारिश है कि वो अपना काम करें, उनका काम किसानों के हाथ पकड़ कर उनसे पूछना है कि उन्हें क्या चाहिए.”चीन को लेकर उन्होंने कहा, “चीन हिंदुस्तान के भीतर आ कर हमारी हज़ारों किलोमीटर की ज़मीन ले जाता है लेकिन आपने चीन को संदेश दिया कि हम सेना के लिए अपना बजट नहीं बढ़ांगे, हम अपनी सेना को सपोर्ट नहीं करेंगे.“
“लद्दाख में तैनात हमारे सैनिक भी यही सोच रहे होंगे की मुश्किलों के बीच सरकार सेना को पैसा नहीं दे रही है. इस वक्त हमारी सेना की कमिटमेन्ट सौ फीसदी है और ऐसे में सरकार की कमिटमेंट एक सौ दस फीसद होनी चाहिए.” राहुल गांधी कि पिछले एक हफ्ते में यह दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. वह किसानों के मुद्दे पर खुलकर मोदी सरकार को घेर रहे हैं. और इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि उनके सवाल सरकार को चुभ रहे हैं.
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