#Farmerprotest: वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों से नहीं टूट रहे किसानों के हौसले

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कड़ाके की सर्दी के बावजूद पंजाब और हरियाणा के किसान ट्रैक्टर, ट्रॉला अन्य वाहनों पर सवार हो कर दिल्ली चलो नारे के साथ दिल्ली पहुंचने की कोशिश में हैं. कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली आ रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों की कुछ जगहों पर पुलिस के साथ हिंसक भिड़ंत हुई है. 

हरियाणा में अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लोहे के बैरिकेड्स लगाए थे और इस दौरान पुलिस ने किसानों को पुल पर ही रोकने की कोशिश की लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए. किसान पुल पार कर आगे बढ़ने की जिद पर अड़े थे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि किसानों ने पत्थरबाजी की. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया और उनपर ठंडे पानी की बौछार की. हालांकि किसानों पर इन सब कार्रवाई का असर नहीं हुआ और उन्होंने बैरिकेड तोड़ कर नदी में फेंक दिया.

पिछले 48 घंटे में हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजधानी में दाखिल होने से रोकने के लिए कई इंतजाम किए हैं. पुलिस ने हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाए, भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ साथ ड्रोन्स भी निगरानी के लिए लगाए हैं. छह राज्यों-उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसान करीब दो महीने से आज यानी 26 नवंबर को जो कि संविधान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, पर विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे थे. 

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा सीमा के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान मुस्तैद कर दिए गए हैं. किसानों से जुड़े दो संगठन समयुक्त किसान मोर्चा और किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने कहा है कि शुक्रवार की शाम तक दिल्ली की सीमा पर लगभग 50 हज़ार किसान खड़े होंगे. और दुनिया की कोई भी ताकत किसानों को दिल्ली तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. किसानों के आक्रोश को देखते हुए सरकार के हाथ पांव फूलने लगे हैं.

सरकार बात करना चाहती है- कृषि मंत्री

देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि ‘’ नया कानून समय की आवश्यकता थी. ये कानून किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. पंजाब के किसान भाईयों में भ्रम है जिसे दूर करने के लिए सचिव स्तर पर बात चल रही है, मैंने भी किसान संगठनों से बात की थी और हल नहीं निकला तो अगली चर्चा तीन दिसंबर को रखी गई है. किसी भी बात का हल बातचीत से ही निकलता है इसलिए सरकार बात करने को तैयार है और मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि वह अपना आंदोलन स्थगित कर दें.‘’

दिल्ली में एहतियात के तौर पर दिल्ली से सटे नोएडा और गुरुग्राम के लिए मेट्रो सेवाओं का संचालन शुक्रवार को प्रभावित रहेगा. दिल्ली से यात्री एनसीआर के स्टेशनों तक जा सकेंगे मगर वहाँ से यात्री दिल्ली नहीं आ सकेंगे. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अनुसार, यह निर्णय दिल्ली पुलिस के सुझाव को ध्यान में रखकर लिया गया है. बताया गया है कि यह निर्णय अगले आदेश तक लागू रहेगा. गुरूवार को भी मेट्रो सेवाएं एनसीआर तक के लिए रोक दी गई थीं.

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