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क्या उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं?

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. सीबीआई द्वारा जांच के आदेश को चुनौती देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ हाई कोर्ट किसी मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई कोर्ट के जज ने अपने आदेश में कहा, “राज्य के मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति को देखते हुए, सच को उजागर करना सही रहेगा. यह राज्य के हित में होगा कि संदेह साफ हो जाए.”

क्या है भ्रष्टाचार का पूरा मामला?

एक पत्रकार ने वीडियो में इसी साल जून महीने में त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाया था कि 2016 में जब वे बीजेपी के झारखंड प्रभारी थे, तब उन्होंने एक व्यक्ति को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत ली थी और रुपए अपने रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराए थे. आरोप लगाने वाले पत्रकार का नाम उमेश कुमार शर्मा है और हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया.

‘हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं’

इस आदेश के खिलाफ रावत ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन दायर की है. रावत के मीडिया कोऑर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने कहा, “सरकार हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करती है और जांच में तथ्य स्पष्ट हो जाएंगे.” आपको बता दें त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पत्रकार पहले भी इस तरह के मामले की वजह से सुर्खियों में रहे हैं. इससे पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन किया था.

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