बिहार में नीतीश कुमार का ‘गेम’ लगाने की तैयारी कर रहे हैं पीएम मोदी?
बिहार विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है. एक तरफ तेजस्वी यादव आरजेडी की जीत के लिए हुंकार भर रहे हैं. और दूसरी तरफ पीएम मोदी एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनवाने के लिए जोर लगा रहे हैं. ऐसे में बीते 15 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहां हैं? क्या बीजेपी उन्हें किनारे लगे लगाने की प्लानिंग पर काम कर रही है?
बिहार विधानसभा चुनाव कौन जीतेगा? यह दिवाली किस के खेमे में खुशियां लाएगी? और क्या एनडीए एक बार फिर से अपनी सफलता दोहराएगी? यह सवाल महत्वपूर्ण हैं लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि क्या पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार को किनारे लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं. क्योंकि एलजेपी मुखिया चिराग पासवान ने कहा है कि चुनाव के बाद बिहार में एलजेपी और बीजेपी मिलकर सरकार बनाने वाले हैं. इतना ही नहीं एनडीए के विज्ञापनों में नितीश कुमार नदारद हैं और हर जगह पीएम मोदी छाए हुए हैं.
एनडीए के विज्ञापन में नीतीश की तस्वीर नहीं
बिहार से छपने वाले सभी प्रमुख अख़बारों के पहले पन्ने पर रविवार को प्रदेश भाजपा की तरफ़ से पूरे पन्ने का चुनावी विज्ञापन प्रकाशित हुआ है. एनडीए को जिताने की अपील के साथ जारी इस पोस्टर में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा है. साथ ही एक नारा भी छपा है-भाजपा है तो भरोसा है. हालाँकि पोस्टर में एनडीए में शामिल सभी दलों के नाम और चुनाव चिह्न ज़रूर अंकित हैं. क्या यह विज्ञापन एक सोची-समझी रणनीति के तहत छपवाया गया है. और क्या यह इस बात का संकेत है कि 10 नवंबर के बाद बिहार में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है.
सवाल इस बात पर पर उठाया जा रहा है कि पोस्टर से एनडीए के मुख्यमंत्री पद के दावेदार नीतीश कुमार का चेहरा क्यों गायब है? क्योंकि ऐसा कैसे हो सकता है कि बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के वोट डाले जाने हैं और जो विज्ञापन अखबारों में छपा है उसमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चेहरा ही नहीं है. विज्ञापन के पोस्टर में नीतीश कुमार का चेहरा न होने पर चिराग पासवान ने तंज़ कसा है. उन्होंने कहा,
“आदरणीय नीतीश कुमार जी को प्रमाण पत्र की आवश्यकता ख़त्म होती नहीं दिख रही है. बीजेपी के साथियों का नीतीश कुमार जी को पूरे पन्ने का विज्ञापन और प्रमाणपत्र देने के लिए शुक्रगुज़ार होना चाहिए और जिस तरीक़े से भाजपा गठबंधन के लिए ईमानदार है वैसे ही नीतीश जी को भी होना चाहिए.”
एलजेपी और बीजेपी का प्लान क्या है?
इस विज्ञापन के छपने के बाद बिहार में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि बीजेपी एलजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार का गेम लगाने की तैयारी कर रही है. कई जानकारों का यह भी मानना है कि बीजेपी को यह पूरी उम्मीद है कि वह अपने और एलजेपी के वोट बैंक के बदौलत बिहार की सत्ता पर काबिज हो सकती है. लिहाजा 10 नवंबर तक नीतीश कुमार को साथ रखकर यानी नतीजों तक जेडीयू के साथ रहकर हालात को भांपते है और फिर नए गठजोड़ से सत्ता बनाएंगे.
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