लद्दाख को वर्ष भर शेष भारत से जोड़ने के लिए लगातार मांग होती रही है और अब जल्द ही यह मांग साकार होने जा रही है. और इस मांग को पूरा करने का काम करेगी जोजिला सुरंग.
Zojila Tunne: जोजिला दर्रा 11578 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीनगर-कारगिल-लेह हाइवे पर स्थित है. इसी से होकर आगे लद्दाख तक जाया जाता है. सर्दियों में जोजिला दर्रा बंद हो जाता है. इसके बंद होने से सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र लद्दाख सर्दियों में शेष भारत से पूरी तरह कट जाता है. लद्दाख को वर्ष भर शेष भारत से जोड़ने के लिए लगातार मांग होती रही है और अब जल्द ही यह मांग साकार होने जा रही है.
क्यों खास है यह सुरंग?
- 14.15 किमी लंबी है.
- 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे के नीचे स्थित है.
- इसके जरिए न सिर्फ आम लोगों को फायदा मिलेगा बल्कि सेना को भी फायदा मिलेगा क्योंकि तब कारगिल से लद्दाख तक वर्ष भर उनका आवागमन संभव बना रहेगा.
- श्रीनगर से लेह के बीच का सफर तीन घंटे से घटकर अब सिर्फ 15 मिनट का रह जाएगा.
- श्रीनगर से लेह के रास्ते पर अब बर्फबारी की चिंता खत्म हो जाएगी.
15 अक्टूबर को केंद्रीय सड़क-परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जोजिला सुरंग (zojila tunnel) से जुड़े कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए पहला विस्फोट कर इसकी शुरुआत कर दिया है.
जोजिला टनल से जुड़ी टाइमलाइन
- 2005- जोजिला टनल की परिकल्पना की गई.
- 2013- सीमा सड़क संगठन ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की.
- अक्टूबर 2013- कैबिनेट ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दी.
- मई 2017- टनल बनाने के लिए चार प्राइवेट कंपनियों एलएंडटी, आईएलएफएस, जेपी इंफ्राटेक और रिलायंस इंफ्रा ने बोली लगाई.
- जुलाई 2017- IL&FS को प्रोजेक्ट मिला. कंपनी ने परियोजना के लिये 4,899.42 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी और इसे 2,555 दिनों (सात साल) में पूरा करने का लक्ष्य रखा था.
- जनवरी 2018- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 साल में टनल बनाने को मंजूरी दी.
- मई 2018- पीएम मोदी ने नींव रखी.
- मार्च 2019- एक बार फिर टनल के लिए बोली लगी क्योंकि IL&FS दिवालिया हो गई.
- जून 2020- बोली लगाने का काम शुरू हुआ.
- अगस्त 2020- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को टनल बनाने का काम मिला. यह कांट्रैक्ट 4509.5 करोड़ का है. इस प्रोजेक्ट के लिए अन्य दो प्रमुख बिडर्स एलएंडटी और इरकान इंटरनेशनल जेवी थी.
- अक्टूबर 2020- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विस्फोट कर टनल के निर्माण की शुरुआत की.
यह एशिया की सबसे लंबी सुरंग होगी. यह करीब 6800 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है. जोजिला टनल की लंबाई 14.15 किमी है जबकि एप्रोच रोड की लंबाई 18.63 किमी है. इस प्रकार यह प्रोजेक्ट 32.78 किमी लंबा है.
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