हाथरस गैंगरेप: ‘सीएम आदित्यनाथ इस्तीफा दें और दोषियों को मिले फांसी तब होगा इंसाफ’

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हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 साल की दलित युवती के साथ पहले गैंगरेप और फिर उसके शव के साथ पुलिसिया बर्बरता ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब पीड़िता को इंसाफ तभी मिलेगा जब उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और सभी आरोपियों को फांसी की सजा हो.

योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में दलित लड़की से गैंगरेप और हत्या मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जाँच दल (एसआईटी) गठित की है. सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी पीएम से बात हुई है और वह इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे. यह जानकारी बुधवार को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से दी गई है.

लेकिन सीएम साहब आपका यह एक्शन काफी नहीं है आपको तुरंत नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. हाथरस गैंगरेप मामले में जिस तरह से कार्रवाई हुई उसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस की काफ़ी आलोचना हो रही है. पुलिस और प्रशासन पर  पीड़िता के परिवार की सहमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार किए जाने के आरोप हैं.

‘पुलिस ने जबरन शव जला दिया’

मीडिया में आई खबरों में बताया जा रहा है कि पहले तो पुलिस ने बिना पीड़िता के परिवार को बताए अस्पताल से उसका शव जब्त कर लिया और जब उसके पिता और भाई इसके विरोध में धरने पर बैठ गए तब पुलिस उन्हें भी ले गई. इसके बाद आधी रात को पुलिस पीड़िता के शव को लेकर दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर उसके गांव पहुंची और उसके परिवार को तुरंत उसका अंतिम संस्कार करने को कहा. परिवार ने इससे इनकार कर दिया और पुलिस से कहा कि अंतिम संस्कार के लिए सुबह का इंतजार करना चाहिए, लेकिन पुलिस ने परिवार की बात नहीं मानी. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि पुलिस ने परिवार को शव को घर भी ले जाने नहीं दिया और कुछ देर बाद विरोध कर रहे परिवारजनों और गांव वालों से दूर ले जा कर शव को जला दिया. 

सीएम आदित्यनाथ इस्तीफा दें

इस पूरे प्रकरण से पीड़िता और उसके परिवार पर जो बीती उस पर विपक्षी पार्टियों और लोगों में आक्रोश दिख रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन द्वारा पीड़िता के मरने के बाद भी उसके मानवाधिकारों के हनन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए. 

कब और कैसे हुई हाथरस की घटना?

घटना 14 सितंबर की है. हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 साल की दलित युवती अपने परिवार के साथ खेत पर घास काट रही थी, तभी ऊंची जाति के चार लोगों ने उसे उसके दुपट्टे से खींच कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया और उसके साथ मार पीट भी की. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ डाली और उसकी जीभ काट दी ताकि वह बयान ना दे सके. अस्पताल में भर्ती होने के एक हफ्ते बाद, लड़की ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ चार लोगों ने दुष्कर्म किया था. पीड़िता द्वारा उन चारों आरोपियों का नाम लेने पर पुलिस ने उन्हें दुष्कर्म, हत्या के प्रयास और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था.

https://youtu.be/8dEcxkVIMKY

पीड़िता के भाई ने बताया, “मेरी माँ और भाई बदहवास हालत में थाने पहुँचे थे. उन्हें उस समय जो समझ आया, वही तहरीर दे दी थी. लेकिन पुलिस ने 10 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की.” अब बताइए इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ को क्या करना चाहिए? बताइए महिलाओं और बच्चों की हिफाजत के लिए लंबे लंबे भाषण देने वाले हमारे देश के प्रधान सेवक को क्या करना चाहिए?

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