ग्रामीण अर्थव्यवस्था की गर्दन मरोड़ सकता है कोरोना: रिसर्च

SBI की एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि अब शहरी इलाकों की बजाए ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होने का डर है.
Covid-19 Cases Spreading in Rural India: 24 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगने के बाद आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ गईं. इससे देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. इसका असर यह हुआ कि देश की जीडीपी ग्रोथ अप्रैल से जून तिमाही में 23.9 फीसदी घटी है. अब SBI की एक ताजा रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार अब शहरी इलाकों की बजाए ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होने का डर है. ऐसे होता है तो रिकवरी को बड़ा झटका लग सकता है.
अगस्त महीने में अगर कोविड 19 से सबसे ज्यादा प्रभावित 50 डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो इनमें से 26 रूरल इलाके थे, जहां सबसे तेजी से मामले फैल रहे हैं. आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. इनमें से 4 डिस्ट्रिक्ट ऐसे हैं, जिनका अपने राज्य की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट में योगदान 10 फीसदी से ज्यादा है.
एसबीआई की रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों के रूरल इलाके ज्यादा प्रभावित हैं, जहां अच्छी पैदावार होती है. सबसे तेजी से मामले बढ़ने वाले 8 डिस्ट्रिक्ट ऐसे हैं, जहां रोज 1000 या इससे भी ज्यादा मामले आ रहे हैं. इन 8 में से आंध्र प्रदेश के 2 (ईस्ट गोदावरी और नेल्लोर) रूरल डिस्ट्रिक्ट में आते हैं.
एक और लीडिंग इंडीकेटर यह है कि अगस्त महीने में फर्टिलाइजर्स की बिक्री घटी है. वहीं, डीजल का कंजम्पशन भी घटा है. इन दोनों का इस्तेमाल खेती किसानी के काम में बहुत ज्यादा होता है.
इंश्योरेंस सेकटर पर भी दबाव दिख रहा है. नॉन लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में जुलाई तक 1.62 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली है. लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में जुलाई तक प्रीमियम में 12 फीसदी और पॉलिसी की संख्या में 30 फीसदी गिरावट रही है. मोटे तौर पर अगर यह आंकड़े देखें तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी चरमरआती हुई नजर आ रही है.
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