कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या के अभियुक्त विकास दुबे आख़िरकार मार दिया गया. उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद कानपुर मुठभेड़ के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फ़ोर्स उज्जैन से सड़क के रास्ते कानपुर लेकर जा रही थी.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की ख़बर के मुताबिक़ कानपुर पहुंचने के रास्ते में ही काफ़िले की एक गाड़ी पलट गई. फिर एसटीएफ विकास दुबे को लेकर गायब हो गई. इस घटना के कुछ देर बाद ही विकास दुबे के एनकाऊंटर कि खबर आई. इससे पहले उसे उज्जैन से पकड़ा गया था. विकास दुबे की मौत के बाद कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर आरबी कमल ने पत्रकारों से कहा,”विकास दुबे को चार गोलियाँ लगी थीं. तीन गोली सीने में और एक हाथ में. विकास दुबे को मरी हुई हालत में लाया गया था.”
8 पुलिस वालों का कातिल विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए गया था. गुरुवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर पहुँचकर 250 रुपए की वीआईपी पर्ची कटवाई थी. पर्ची में नाम विकास दुबे ही लिखवाया गया. विकास के पास एक बैग था. वो मंदिर के सामने प्रसाद की एक दुकान पर भी गया. उसके पास जो बैग था उसे वह कहीं रखना चाहता था इसके लिए उसने वहां मौजूद एक शख्स से बैग रखने की जगह भी पूछी.
वहां मौजूद लोगों ने बताया विकास दुबे जब मंदिर में दाखिल हो रहा था तो वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को शक हुआ. इसके बाद उसने विकास दुबे के मंदिर में होने की जानकारी पुलिस को दे दी. जब विकास दुबे बाहर निकला तो पुलिस आ चुकी थी और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. विकास के दो साथियों बिट्टू और सुरेश को भी गिरफ़्तार किया गया है लेकिन अभी तक उनके बारे में ज़्यादा नहीं बताया गया है. जानकारी यह भी मिली है कि विकास दुबे मंदिर परिसर में काफी देर घूमता भी रहा. मंदिर परिसर में मौजूद लोग बताते हैं. कि जब पुलिस विकास दुबे को पकड़ कर ले जा रही थी तो वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था की ‘मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला’
विकास दुबे को गिरफ़्तारी के बाद महाकाल थाने ले जाया गया. इस दौरान भी विकास ने मीडिया से बातचीत करने की कोशिश की. वहाँ विकास ने फिर चिल्लाकर कहा कि वो ‘विकास दुबे है कानपुर वाला.’ पुलिस ने विकास को चुप कराया. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बयान दिया कि विकास दुबे की गिरफ़्तारी की जा चुकी है. हालाँकि उन्होंने ये नहीं बताया कि गिरफ़्तारी किन हालातों में हुई और पुलिस को कैसे जानकारी मिली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उसके बाद ट्वीट करके विकास दुबे की गिरफ्तारी की बात कही.
विकास दुबे ने 2 जुलाई को कानपुर के बिकरु गाँव में गिरफ़्तार करने गई पुलिस टीम पर हमला किया था. पुलिस टीम पर की गई फ़ायरिंग में 8 पुलिसवालों की मौत हो गई थी. इसके बाद विकास पर इनामी राशि लगातार बढ़ाई जा रही थी. इनामी राशि बढ़कर पाँच लाख हो गई थी.
विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तारी होने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके भाजपा की शिवराज सरकार पर निशाना साधा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, “यह तो उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए प्रायोजित सरेंडर लग रहा है. मेरी सूचना है कि मध्य प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के सौजन्य से यह संभव हुआ है. जय महाकाल.”
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी सरकार पर विकास दुबे को बचाने का आरोप लगाया है.
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