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अमेरिका ने पाकिस्तान के गाल पर जड़ा जोरदार थप्पड़, लाल कर दिया इमरान का गाल!

कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2019

भारत जब-जब पाकिस्तान से कहता था कि आपके यहां आतंकवादी पलते हैं. पाकिस्तान कहता था ‘ना जी कैसी बातें करते हो. जिन्हें आप आतंकी कह रहे वो तो हमारे देश के समाजसेवी हैं.’ लेकिन अब तो पाकिस्तान के माई-बाप अमेरिका ने भी कह दिया है कि पाकिस्तान आतंकियों का महफूज ठिकाना है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की आतंकवाद पर रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अब भी लश्कर ए तैयबा और जैश ए मुहम्मद जैसे आतंकवादी गुटों को अपनी जमीन पर सुरक्षित ठिकाना देता है, जो भारत जैसे पड़ोसी देशों को निशाना बनाते आए हैं. काउंटर टेररिज्म पर 24 जून को जारी हुई अमेरिकी सरकार की 2019 की  रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं में आतंकियों को पाल कर ना केवल भारत को बल्कि अफगानिस्तान को भी निशाने पर रखा. अफगानिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे गुटों के पाकिस्तान में होने की खबरें हैं.

अमेरिकी कांग्रेस की ‘कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2019’ में कहा गया कि पाकिस्तान “प्रशासन ने कुछ आतंकी संगठनों और व्यक्तियों को देश में आजादी से अपना काम करने दिया और उनके खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की.”

अब इस रिपोर्ट को लेकर इमरान खान सन्न हो गए हैं. मुंह से दो लफ्ज नहीं फूट रहे. जार-जार रो रहे हैं. सोच रहे हैं कि हाय अमेरिका ये क्या कर दिया. लेकिन सच को एक न एक दिन तो सामने आना ही था. अमेरिकी रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि अमेरिका और भारत आपस में आतंकवाद-रोधी सहयोग को लगातार बढ़ाते रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा कभी नहीं किया. रिपोर्ट कहती है, “2019 में आतंकवादियों को मिलने वाले धन की सप्लाई रोकने के कुछ कदम उठाए थे और फरवरी हमले के बाद से भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी गुटों पर भी पाबंदियां लगाई थीं.” फरवरी 2019 में भारत के तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य में भारतीय सेना के एक दस्ते पर बड़ा जानलेवा हमला हुआ था जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित गुट जैश ए मुहम्मद ने ली थी.

पाकिस्तान तो इतना बेशर्म है कि उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दुनिया उसके बारे में क्या सोचती है. कुछ दिनों पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में भी पाकिस्तान को साफ साफ कह दिया गया था कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की उसकी “सारी समय-सीमाएं” बीत गई हैं. पाकिस्तान को कहा गया कि अगर उसने जून 2020 तक आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने वालों को दंडित नहीं किया तो पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे निर्णय लिए जा सकते हैं जिससे उसे वित्तीय परेशानियां झेलनी पड़ेंगी. और अब अमेरिका ने भी पाकिस्तान की पोल पट्टी खोल दी है.

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