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गो हत्या निवारण क़ानून और सख्त हुआ, अब जो गाय को सताएगा सीधा जेल जाएगा

यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने साल 1955 के इस क़ानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है. राज्य विधानमंडल का सत्र न होने की वजह से उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 लाने का फ़ैसला लिया गया है.

उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम, 1955 दिनांक 6 जनवरी, 1956 को राज्य में लागू हुआ था और उसी साल इसकी नियमावली बनी थी. इस क़ानून में अब तक चार बार और नियमावली में दो बार संशोधन हो चुका है. सरकार का कहना है कि इस संशोधन से गोवंशीय पशुओं का संरक्षण एवं परि-रक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा और गोवंशीय पशुओं के अनियमित परिवहन पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी.

गाय को सताने पर कितनी सजा?

अध्यादेश का मक़सद उत्तर प्रदेश गोवध निवारण क़ानून, 1955 को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाना तथा गोवंशीय पशुओं की रक्षा और गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाना है.

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