लॉकडाउन में मुकेश अंबानी को मोटा मुनाफा, jio ने 1 महीने में जुटाए 10 अरब डॉलर
देश की अर्थव्यवस्था की हालत भले ही पस्त पड़ी हो लेकिन उद्योगपति मुकेश अंबानी इस समय मोटा निवेश हासिल करने में कामयाब रहे हैं. कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान उनकी कंपनी Jio ने 1 महीने के अंदर 10 अरब डॉलर का निवेश हासिल किया है .
एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने एक महीने में 10 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश अपने भारत में आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए आकर्षित किया है. यह ऐसे समय में है जब अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन की वजह से झटका लगा है. न्यू यॉर्क में आधारित KKR एंड कंपनी लेटेस्ट प्राइवेट इक्विटी कंपनी है जिसने जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में निवेश किया है, जो अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा कंट्रोल किए जाने वाली कंपनी है.
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KKR का Jio में 1.5 अरब डॉलर का निवेश
इस प्राइवेट इक्विटी कंपनी ने जियो में 2.3 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है. अंबानी जियो में अपनी हिस्सेदारी को बेच रहे हैं जिससे वे मार्च 2021 से पहले अपने ऑयल, रिटेल और टेलिकम्यूनिकेशंस ग्रुप के नेट कर्ज को 20 अरब डॉलर से शून्य पर ला सकें. अमेरिका की बड़ी कंपनियों जैसे फेसबुक, सिल्वर लेक आदि से अंबानी तेल और पेट्रोकेमिकेमिकल के बिजनेस से तेजी से बढ़ते कंज्यूमर बिजनेस की ओर जाना चाहते हैं.
Jio ने दुनिया की बड़ी कंपनियों को किया आकर्षित
जहां दुनिया की बड़ी कंपनियों जैसे अमेजन और वालमार्ट ने भी भारतीय उपभोक्ता बाजार में ग्रोथ पर बड़ा दांव लगाया है, कंपनियों को भारत में अपने मॉडल को ऑनलाइन बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि प्रतिबंध छोटे व्यापारियों की रक्षा करते हैं. अंबानी की योजना ऐसा ई-कॉमर्स बिजनेस विकसित करने की है जहां किराना दुकानें उसके पार्टनर की तरह काम करें.
KKR ने कहा कि Jio में उसका निवेश एशिया में सबसे बड़ा है और अंबानी के लक्ष्यों ने उनके जल्द फैसला लेने में मुख्य भूमिका निभाई है. KKR के भारतीय बिजनेस के प्रमुख संजय नायर ने कहा कि बिजनेस मॉडल भारतीयों की मांग को पूरा करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने समझौते को 10 दिन में पूरा कर लिया था. उन्होंने कहा कि हमने मुकेश अंबानी के कारोबार के विजन में निवेश किया है जिसके साथ विश्व स्तरीय प्रबंधन भी है.