Coronavirus Astrology: भारत वर्सेज कोरोना के मुकाबले में कब क्या होगा ?

0

भारत समेत पूरी दुनिया मुश्किल दौर से गुजर रही है. अगर आंकड़ों की बात करें तो भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1 लाख से पार हो गई हैै और मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार के पार हो गया है. ऐसे में क्या भारत में कोरोना महामारी पीक पर है ? क्या भारत में हालात और भी भयानक होंगे ? वो तारीखें कौन सी हैं जब कोरोना सबसे ज्यादा उत्पाद मचाएगा ? गृह-नक्षत्र की कौन सी चाल पृथ्वी वासियों को बेहाल कर रही है ?

Coronavirus Astrology: प्रख्यात भविष्यवक्ता एवं निदेशक लोकमंगल अनुसंधान संस्थान बांदा के ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी ने संपूर्ण मानवता को कोरोना से सतर्क करने और कुछ जरूरी सवालों के जवाब तलाशने के लिए कुछ गणनाएं की हैं. उनकी ज्योतिष गणना कहती है,

भारत में कोरोना अभी अपनी पीक पर नहीं पहुंचा है. अभी ये वायरस और अधिक उत्पात मचाएगा.

ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी की ज्योतिषी गणना में कुछ चौंकाने वाली तारीखें निकलकर समाने आईं हैं. ये वो तारीखें हैं जब कोरोना वायरस भारत में सबसे ज्यादा लोगों का संक्रमित करेगा और सबसे ज्यादा लोगों की जान लेगा. गणना में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस वक्त ग्रहों-नक्षत्रों की विशेष दशा और परिवर्तन की वजह से इस तरह की परिस्थियां उत्पन्न हो रही हैं.

14 मई 2020 की सूर्य कुंडली का लग्नेश शुक्र और भारतवर्ष की कुंडली का लग्नेश भी शुक्र है. गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु, बुध और नेप्च्यून आदि सात ग्रहों का वक्र प्रभाव मई के तीसरे हफ्ते से 30 जून तक और 28 जुलाई तक विशेष परेशानी पैदा करने वाला है.

आचार्य राजेश जी महाराज अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए प्रख्यात हैं. कोरोना को लेकर वो पहले भी कई भविष्यवाणियां कर चुके हैं जो सही साबित हुई हैं. इस बार उन्होंने जो गणना की है उसमें मई के तीसरे हफ्ते का जिक्र है. यानी मई के तीसरे हफ्ते से हालात और बिगड़ने शुरु होंगे. ज्योतिष ये भी कहता है कि कोरोना वायरस की वजह से जो कठिनाईंया शुरु हुुई हैं वो जुलाई के आखिरी हफ्ते यानी 28 जुलाई तक बनी रहेंगी.

21 जून 2020 को मृगशिरा नक्षत्र एवं मिथुन राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण देश में अशांति, अस्थिरता और प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, आंधी, तूफान, बाढ़, अग्निकांड और महामारी को बढ़ाने वाला है.

देश की चंद्र कुंडली से रोगेश गुरु का वक्री होकर केतु से संबध बनाने की वजह से रोग, उन्माद मार्ग दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी हुई है. यानी 21 जून 2020 की तारीख बेहद महत्वपूर्ण है. मौजूदा समय की अगर बात करें तो दिन-व-दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सरकार ने लॉकडाउन में ढील दी है लेकिन इससे समस्या और विकराल होने के आसार हैं. ज्योतिष की गणना में कुछ तारीखों का जिक्र स्पष्ट रूप से किया गया है. ये वो तारीखें हैं जब हमें और हमारे देश के हुक्मरानों को विशेष एतिहात बरतने की जरूरत है.

अहम तारीखें जब हम सतर्क रहें

  • 23 मई 2020 से 5 जून 2020 तक मौसम परिवर्तन वर्षा से जनहानि, मार्ग दुर्घटना से जनहानि होने के संकेत मिल रहे हैं.
  • 31 मई 9 जून के बीज कोरोना माहामारी अपने पीक पर होगी. हजारों लोग इस बीमारी से संक्रमित होंगे.
  • 6 जून से 21 जून तक कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर में इजाफा होगा.

ज्योतिषीय गणना में ये भी स्पष्ट है कि 31 मई के बाद भी सरकार को लॉकडाउन जारी रखना पड़ेगा और लॉकडाउन 5 की पूरी संभावना है. इस समया में सिर्फ कोरोना वायरस ही मुश्किल खड़ी नहीं करेगा बल्कि ज्योतिषीय समीक्षा में ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि भारत को विदेशी दुश्मनों से सचेत रहना होगा. क्योंकि भारत को विदेशी गुप्तचरों से नुकसान हो सकता है.

अभी हाल ही में भारत-पाकिस्तान कीे बीच सीमा विवाद बढ़ा है. पीओके को लेकर दोनों देश में बात विवाद की स्थिति पैदा हो गई है. गणना भी इस ओर इशारा करती है कि POK और अक्साई चीन सीमा पर विवाद बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं गणना में इस बात के भी स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि भारत को अगले कुछ हफ्तों में आंधी, तूफान, ज्वालामुखी, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी टकराना पड़ सकता है.

ज्योतिषीय गणनाओं की सटीकता इस बात पर निर्भर करती है कि इन गणनाओं को करने में कितना शोध किया गया है. प्रख्यात ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी की गणनाएं गहन शोध पर आधारित होती हैं. इन गणनाओं में सतही आंकलन न होकर प्रश्नों और परिस्थितियों का हफ्तों तक तथ्यपरक शोध किया जाता है तब जाकर निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है.

https://www.youtube.com/watch?v=rsELUlJ20Fk

आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस को लेकर उत्पन्न हुई परिस्थितियाों से निपटने के लिए ये जरूरी है कि सभी संभावनाओं को टटोला जाए. और इन संभावनाओं में ज्योतिष भी शामिल है जो सदियों से भारतीय सभ्यता का आधार रही है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए जितना जरूरी वैक्सीन का निर्माण होना है उतना ही जरूरी ये भी है कि हम ये समझ पाएं कि इस वायरस के उत्पन होने से लेकर इसके प्रसार तक ग्रहों की बदलती गति का कितना योगदान रहा है.

( ये लेख प्रख्यात भविष्यवक्ता एवं निदेशक लोकमंगल अनुसंधान संस्थान बांदा के ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी की गणना पर आधारित है)

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *