‘कोरोनावायरस की वजह से नफरत की एक सुनामी आ गई है’

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A tsunami of hatred has come due to coronavirus'

UN Photo/Manuel Elias

“महामारी की वजह से नफरत, जेनोफोबिया और आतंक फैलाने की एक सुनामी आ गई है. इंटरनेट से लेकर सड़कों तक, हर जगह विदेशियों के खिलाफ नफरत बढ़ गई है. यहूदी-विरोधी साजिश की थ्योरियां भी बढ़ गई हैं और कोविड-19 से संबंधित मुस्लिम-विरोधी हमले भी हुए हैं.”

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने बिना किसी देश का नाम लिए ये बात कही है. उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस की वजह से नफरत और बाहरी लोगों के भय या जेनोफोबिया की एक सुनामी आ गई है और इसका अंत करने के लिए पुरजोर कोशिश की जरूरत है.

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गुटेरेश के अनुसार, प्रवासियों और शरणार्थियों को “वायरस का स्त्रोत बता कर उनका तिरस्कार किया गया है, और फिर उसके बाद उन्हें इलाज से वंचित रखा गया है.” उन्होंने यह भी कहा, कि इसी बीच “घिनौने मीम भी निकल कर आए हैं जो बतलाते हैं” कि बुजुर्ग जो कि वायरस के आगे सबसे कमजोर लोगों में से हैं, “सबसे ज्यादा बलिदान करने के योग्य भी हैं.” गुटेरेश ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि “पत्रकारों, घोटालों और जुर्म का पर्दाफाश करने वाले व्हिसलब्लोओर, स्वास्थ्यकर्मी, राहत-कर्मी और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को महज उनका काम करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है.”

गुटेरेश पहले भी इन खतरों के बारे में आगाह कर चुके हैं. कुछ ही दिनों पहले उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी तेजी से एक मानव संकट से मानवाधिकार संकट में बदल रही है. एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था कोविड-19 से लड़ने में जन सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाने में भेदभाव किया जा रहा है और कुछ ढांचागत असमानताएं हैं जो इन सेवाओं को सब तक पहुंचने नहीं दे रहीं हैं. उनका कहना था कि इस महामारी में जो देखा गया है उसमें “कुछ समुदायों पर कुछ ज्यादा असर, हेट स्पीच का उदय, कमजोर समूहों को निशाना बनाया जाना, और कड़ाई से लागू किए गए सुरक्षा के कदम शामिल हैं जिनसे स्वास्थ प्रणाली का काम प्रभावित होता है”.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपील की है कि “पूरी दुनिया में हेट स्पीच का अंत करने के लिए एक पुरजोर कोशिश” की जरूरत है. उन्होंने विशेष रूप से शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी को रेखांकित किया और कहा कि इन संस्थानों को युवाओं को “डिजिटल साक्षरता” की शिक्षा देनी चाहिए क्योंकि वे “कैप्टिव दर्शक हैं और जल्दी निराश हो सकते हैं.” गुटेरेश ने मीडिया और विशेष रूप से सोशल मीडिया कंपनियों से भी अपील की कि वे “नस्ली, महिला-विरोधी और दूसरी हानिकारक सामग्री के बारे में सूचित करें और उसे हटाएं भी.”

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