Vizag Gas Leak: कौन है गैस लीक का गुनहगार ?

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने घटना में मरने वालों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा और वेंटिलेटर पर रहने वालों को 10 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में देने का एलान किया है.

Vizag Gas Leak: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक केमिकल प्लांट इकाई में गैस रिसाव से बड़ा हादसा हो गया है. इस घटना में अबतक की जानकारी के मुताबिक 8 साल के एक बच्चे समेत 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 20-25 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. गैस लीक के चलते प्लांट के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव प्रभावित हुए है. पीएम नरेंद्र मोदी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की बैठक की. पीएम ने आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी से भी बात की है. उन्होंने राज्य सरकार को हर प्रकार की मदद का आश्वासन दिया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने घटना में मरने वालों के परिवार को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा और वेंटिलेटर पर रहने वालों को 10 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में देने का एलान किया है. केंद्र सरकार का कहना है कि करीब 1000 लोग इस लीक से प्रभावित हुए हैं.

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कैसे हुआ हादसा?

विशाखापट्टनम के बाहरी इलाके के RR वेंकटपुरम गांव के गोपालापत्तनम क्षेत्र स्थित LG Polymer plant से  घटना गुरुवार तड़के करीब 2:30 बजे Styrene गैस लीक हुई है. इस हादसे में अबतक 8 लोगों की मौत हो गई है. इनमें 2 व्यक्तियों की भागने के दौरान कुंए में गिरने से मौत हो गई.  मौके पर NDRF और SDRF की टीमें मौके पर तैनात हैं. आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री एमजी रेड्डी ने बताया कि LG Polymers की यूनिट लॉकडाउन के बाद संभवत: गुरुवार को खुलने वाली थी. उन्होंने कहा, हम कंपनी (South Korean) के टॉप मैनेजमेंट से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी शीर्ष प्राथमिकता लीकर को रोकने और प्रभावित लोगों को चिकित्सकीय सहायता पहुंचाना है.  एमजी रेड्डी ने बताया कि कंपनी इस हादसे के लिए जिम्मेदार है. उसे सामने आकर पूरी डिटेल देनी होगी कि क्या प्लांट शुरू करने के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया या नहीं, उसके आधार पर कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.

गैस रिसाव पर काबू

स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, फिलहाल गैस रिसाव पर काबू पा लिया गया है. गैस रिसाव का अधिकतम प्रभाव लगभग एक से डेढ़ किमी था.  डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर वी विनय चंद के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कुछ लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है. घटनास्थल पर एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. घटनास्थल पर पुलिस के साथ-साथ फायर टेंडर और एंबुलेंस मौजूद हैं.

https://youtu.be/rsELUlJ20Fk

गृह मंत्रालय की भी नजर

विजाग गैस लीक हादसे पर गृह मंत्रालय की भी नजर बनी हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विशाखापत्तनम में हुई घटना परेशान करने वाली है. NDMA के अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों से बात की. हम स्थिति पर लगातार और बारीकी से नजर रख रहे हैं और घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मैं विशाखापत्तनम के लोगों के अच्छे होने की प्रार्थना करता हूं.

स्टाइरीन गैस क्या है?

स्टाइरीन मूल रूप में पॉलिस्टाइरीन प्लास्टिक और रेज़िन बनाने में इस्तेमाल होती है. यह रंगहीन या हल्का पीला ज्वलनशील लिक्विड (द्रव) होता है. इसकी गंध मीठी होती है. इसे स्टाइरोल और विनाइल बेंजीन भी कहा जाता है. बेंजीन और एथिलीन के ज़रिए इसका औद्योगिक मात्रा में यानी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है. स्टाइरीन का इस्तेमाल प्लास्टिक और रबड़ बनाने में होता है. इन प्लास्टिक या रबड़ का इस्तेमाल खाने-पीने की चीज़ें रखने वाले कंटेनरों, पैकेजिंग, सिंथेटिक मार्बल, फ्लोरिंग, डिस्पोज़ेबल टेबलवेयर और मोल्डेड फ़र्नीचर बनाने में होता है. स्टाइरीन की भाप अगर हवा में मिल जाए तो यह नाक और गले में जलन पैदा करती है. इससे खांसी और गले में तकलीफ़ होती है और साथ ही फेफड़ों में पानी भरने लगता है. अगर स्टाइरीन ज़्यादा मात्रा में सांस के ज़रिए शरीर में पहुंचती है तो यह स्टाइरीन बीमारी पैदा कर सकती है. इसमें सिरदर्द, जी मिचलाना, थकान, सिर चकराना, कनफ़्यूजन और पेट की गड़बड़ी होने जैसी दिक्क़तें होने लगती हैं. इन्हें सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेशन कहा जाता है. कुछ मामलों में स्टाइरीन के संपर्क में आने से दिल की धड़कन असामान्य होने और कोमा जैसी स्थितियां तक बन सकती हैं.

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