कोरोना: आरोग्य सेतु एप से जुड़ी ये बातें आपको जरूर जाननी चाहिए

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आरोग्य सेतु

भारत में कोरोना वायरस से निपटने के लिए आरोग्य सेतु (ArogyaSetu) एप जारी किया गया है. भारत में कोरोना का पहला मामला केरल में सामने आया था. इसके बाद सरकार ने ये एप लांच किया. इसके अलावा भी भारत सरकार ने कई और कदम उठाए हैं जिसमेें ये एप भी शामिल है.

आरोग्य सेतु (ArogyaSetu) एप के जरिए सरकार का दावा कर रही है कि ये आपको कोरोना के खतरों बचाएगा और संक्रमण के ख़तरों से आगाह करने में मदद करता है. दावा इस बात का भी है कि अगर आपके मोबाइल में ये ऐप है तो आप इससे अपने इर्द-गिर्द के कोरोना पॉज़िटिव लोगों के बारे में भी पता कर सकते हैं. आरोग्य सेतु (ArogyaSetu) एप को 3 अप्रैल को लांच किया गया था.

कैसे काम करता है आरोग्य सेतु ऐप ?

आरोग्य सेतु ऐप सभी आईओएस/IOS और एंड्रॉयड/Android उपकरणों पर डाउनलोड किया जा सकता है और ये एक फ़्री ऐप है. इसे कोई भी आसानी से डाउनलोड कर सकता है. केंद्र सरकार की पहल पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लॉन्च किए इस ऐप में सबसे पहले यूज़र को ख़ुद का मूल्यांकन करना होता है. सबसे पहले आपको अपने आपको इसमें रजिस्टर करना होता है. इसके आप इसमें अपना मोबाइन नंबर रजिस्टर करते हैं. उसके बाद उसी नंबर पर आए ओटीपी (OTP) से आप इसका इस्तेमाल करना पड़ता है.

जैसे-जैसे आप ऐप में आगे बढ़ते जाएँगे आपका जेंडर, उम्र, विदेश यात्रा का इतिहास और सर्दी, खाँसी और ज़ुकाम जैसी चीज़ों के बारे में हाँ या ना जैसे कुछ सवाल आते रहेंगे. ऐप आपसे डायबिटीज़ (मधुमेह) या हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) के किसी इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटाएगा. ये ऐप आपको से कई बार ये कहता है कि आप इसमें अपनी सही जानकारी ही दर्ज करें. इस ऐप में आपको सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 से जुड़े आकंड़े भी बताए जाते हैं. तो यहां सबसे पहला सवाल ये है कि अगर किसी ने इसमें दर्ज जानकारी गलत दी या फिर कोई जानकारी छिपा ली तो इसके बारे में पड़ताल कौन करेगा?

ख़ास बात ये है कि आरोग्य सेतु ऐप ब्लूटूथ तकनीक और जीपीएस (GPS) के ज़रिए आपकी मौजूदा लोकेशन का इस्तेमाल करने के बाद ही ये ट्रैक कर सकता है कि कहीं आप किसी कोरोना-संक्रमित मरीज़ या कोरोना संक्रमण के शक़ वाले मरीज़ के पास तो नहीं हैं. साथ ही अगर आप ज़रूरत के समय में वॉलंटियर या स्वयंसेवक बनना चाहते हैं तो आप ऐप में ये जानकारी भी दर्ज कर सकते हैं.

क्या सरकार ने निजी डेटा की सुरक्षा का प्रबंध किया है?

अभी तो कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कोई इस सवाल के बारे में नहीं पूछेगा लेकिन आगे ये सवाल जरूर पूछा जाएगा. भारत सरकार का कहना है कि इस ऐप के ज़रिए कोरोना संक्रमित लोगों और होम क्वारंटीन पर रखे गए लोगों पर नज़र रखी जा रही है और ये ऐप यूजर्स की निजता को ध्यान में रखकर बनाया गया है. अगर लोगों की निजता की बात की जाए और जो जानकारी सरकार इकट्ठा कर रही है उसका इस्तेमाल कब तक होगा और कैसे होगा इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है जो चिंता का विषय है.

एक तरफ़ ये ऐप आपके कोविड-19 स्टेटस को अपडेट करता रहता है, वहीं चौबीस घंटे आपकी लोकेशन पर भी नज़र बनाए रहता है. दूसरी बात, ये जो सारा डेटा एकत्रित हो रहा है आख़िर ये जा किस एजेंसी के पास रहा है, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. तीसरा, इस ऐप के ज़रिए आपका निजी मेडिकल डेटा एकत्रित होकर कहीं जा तो रहा है पर आपको अभी ये नहीं पता कि आख़िर ये सब किस साइबर क़ानून के अंतर्गत आता है.

हालांकि भारत सरकार के वैज्ञानिक मामलों के प्रमुख सलाहकार के विजयराघवन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड अख़बार को बताया, “इस ऐप से होने वाले हर कम्युनिकेशन को अज्ञात और सुरक्षित रखा जाता है और इसे नामचीन शोधकर्ताओं और इंडस्ट्री जानकारों ने परख रखा है.”

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