कोरोना: कोविड-19 के मरीज को अस्पताल से छुट्टी कब मिलती है ?

0
Corona: When does the Kovid-19 patient get discharged from the hospital?

Coronavirus (Covid-19) : नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल यानी एनडीडीसी के मुताबिक जिस मरीज का कोविड-19 केस निगेटिव आता है और जिस मरीज की क्लीनिकल कंडीशन ठीक होती है. उसको अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है. लेकिन ये कहते हुए कि उसे 14 दिन क्वारेंटीन रहना होगा.

चीन में गुरुवार को कोविड-19 के मरीजों के लिए नया ट्रायल प्रोटोकॉल लागू कर दिया गया. इसके तहत कोविड-19 के मरीजों की दोबारा टेस्टिंग की जाएगी. डॉक्टर उनकी सेहत का दोबारा से परीक्षण करेंगे. चीनी सरकार ने ये फैसला वुहान से लॉकडाउन खत्म होने के एक दिन बाद लिया है.वुहान से ही कोरोना वायरस का प्रसार शुरु हुआ था. लेकिन 76 दिनों बाद वहां लॉक डाउन खत्म कर दिया गया.

चीन की सरकार ने जो नया प्रोटोकॉल जारी किया है उसके मुताबिक, कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों को 14 दिन के लिए आइशोलेशन में रहना होगा, इस दौरान उनके शरीर के तापमान का नियमित माप लिया जाएगा और उनकी सेहत का बारीकी से परीक्षण किया जाएगा. चीन अब ऐसे मामलों के परीक्षण में बढ़ रहा है तो छुने या संपर्क में आने से पैदा हुए हैं. इस महामारी के फैलने के वक्त को उन मरीजों का इलाज कर रहा था जिनमें कोरोना के लक्षण पाए गए थे.

चीन ने कोविड-19 से निपटने के लिए जो नया प्रोटोकॉल जारी किया है. उसमें नए मरीजों और ठीक हुए मरीजों का दोबारा परीक्षण करने के लिए भी अस्पतालों को तैयार किया गया है. आने वाले हफ्तों में चीन में मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट और डॉक्टर कोविड-19 के प्रसार को लेकर बारीकी अध्यनन करेंगे. चाइना के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक आने वाले समय में बीमारी के प्रकोप से निपटने के लिए इसके प्रसार और प्रभाव के हिसाब से तैयारियां की जाएंगी.

चीन इस बीमारी से निपटने के लिए जो कदम उठा रहा है वो बाकी दुनिया के देशों के बहुत लाभकारी होंगे. खासकर उन देशों के लिए जो अभी इस बीमारी के प्रकोप को झेल रहे हैं. आपको बता दें कि चीन में कोविड-19 के मरीज को तब ठीक माना जाता है जब मरीज को तीन दिनों तक बुखार न आए, सांंस लेने में परेशानी न हो रही हो, श्वसन तंत्र में सूजन खत्म हो गई हो. और न्यूक्लिक एसिड परीक्षण लगातार 24 घंटे में दो बार निगेटिव आए.

इसके बाद डिस्चार्ज किए गए मरीज को 14 दिनों के लिए आइशोलेशन में रखा जाता है. उसे हमेशा मास्क पहनकर रखने की सलाह दी जाती है, उसे एक हवादार कमरे में अकेले रहना होता है, अकेले खाना खाना पड़ता है और अपने परिवार के लोगों से ज्यादा मिलना नहीं होता, इतना ही नहीं उसके बाहर भी नहीं घूमने दिया जाता है. डिस्चार्ज होने के लि तीन हफ्ते तक उसे डॉक्टरों के संपर्क में रहना होता है.

भारत में कोविड-19 के मरीजों को कब डिस्चार्ज करते हैं?

चीन से इतर भारत में कोविड-19 के मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए क्या नियम अपनाए जाते हैं. एनडीडीसी के मुताबिक सबसे पहले तो मरीज की लेबोरेट्री रिपोर्ट निगेटिव आनी चाहिए, कुछ मरीजों को क्लीनिकल परीक्षण के बाद और कुछ को 14 दिनों के क्वेंटीन के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाता है.

वहीं दूसरी ओर, COVID-19 के रोगी की रेडियोग्राफिक क्लीयरेंस, श्वसन नमूनों में वायरल न होने और 24 घंटे की अवधि के भीतर रोगी के दो नमूनों के परीक्षण नकारात्मक होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है. इसी तरह इटली, अमेरिका, सिंगापुर और यूरोपीय देशों के कोविड के मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए अपने अपने नियम हैं.

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *