कोरोना वायरस की शुरुआत चीन में हुई. दिसंबर 2019 के आखिरी हफ्ते में ये चीन के वुहान शहर में मिला. इसके बाद 100 दिनों के भीतर इसने लगभग पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया. कोरोना वायरस के प्रकोप को ज्योतिष किस नजरिए से देखता है. ये वायरस तब तक इंसानों के लिए भय का कारण बना रहेगा ? हमनें ये जानने की कोशिश की लोकमंगल अनुसंधान संस्थान, बांदा के निदेशक प्रख्यात ज्योतिर्विद् आचार्य राजेश जी महाराज से.
Coronavirus Astrology: सबसे पहले आप कोरोना वायरस से जुड़े हुए कुछ आंकड़े देख लीजिए. क्योंकि आप इन आकंडों से अंजादा लगा पाएंगे कि इस वायरस ने मानव सभ्यता को किस तरह डर और चिंता के माहौल में धकेल दिया है. दुनियाभर में 12 लाख से ज्यादा लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 70 हजार से ज्यादा हो चुकी है. वैेसे तो इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश में इटली, अमेरिका और स्पेन जैसे देश हैं लेकिन सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुई हैं. यहां इसने 15 हजार से ज्यादा लोगों को लील लिया है. वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां मरने वालों का आंकड़े 100 के पार पहुंच गया है और संक्रमित मरीज 4 हजार से ज्यादा हो गए हैं. इन नंबरों को देखकर आप ये समझ सकते हैं कि ये वायरस कितना खतरनाक है. वैज्ञानिकों के शोध से इतर अगर हम इस वायरस को ज्योतिष के नजरिए से देखें तो कई अहम बाातें पता चलती हैं.
1 से 3 अप्रैल तक मरीज बढ़ने की भविष्यवाणी
प्रख्यात ज्योतिर्विद् आचार्य राजेश जी महाराज ने मार्च के पहले हफ्ते में ये भविष्यवाणी की थी कि कोरोना वायरस गर्मी बढ़ने के साथ खत्म होने वाला नहीं है और ये मार्च के आखिरी हफ्ते इसका प्रकोप बढेगा. इसके बाद हमने देखा कि कोरोना वायरस की वजह से सरकार को 22 मार्च का जनता कर्फ्यू लगाना पड़ा और 23 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉक डाउन करना पड़ा. इसी से जुड़ी हुई एक और भविष्यवामी आचार्य जी ने मार्च के आखिरी हफ्ते में की थी और कहा था कि 1 अप्रैल से लेकर 3 अप्रैल तक इस वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. हमने देखो की इन दिनों दिनों में रिकॉर्ड संख्या में संक्रमित मरीज बढे. इन तीनों दिनों में तबलीगी जमात के मरकज से निकले लोगों ने संक्रमित मरीजों की संख्या में 62 फीसदी बढोत्तरी की.
कोरोना और सूर्य ग्रहण का क्या कनेक्शन है ?
Coronavirus Astrology: 26 दिसंबर 2019 को पड़े सूर्य ग्रहण ने प्रभाव को लेकर आचार्य जी ने ये गणना की थी कि ये सूर्य ग्रहण पृथ्वी वासियों के लिए मुश्किलें लाएगा. उनके मुताबिक सूर्य ग्रहण का आरम्भ धनु लग्न में हुआ था और सूर्य, गुरु, चंद्र, बुध, शनि का गोल योग बनाती है. उनके मुताबिक ऐसी ही युति 58 साल पहले 1962 में बनी थी. उन्होंने उस वक्त ये गणना की थी कि मंगल का राशि परिवर्तन करके वृश्चिक राशि में आना आपदा का कारण बनेगा. ऐसा हुआ भी और कई जगह भूकंप देखने को मिले. 26 दिसंबर से दुनिया में कोरोना ने अपने प्रकोप दिखाना शुरु किया.
’29 मार्च से 29 जून में बढ़ेगी भारत की मुश्किलें’
आचार्य जी ने भविष्यवाणी की थी कि 29 मार्च से 29 जून के बीच भारत की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ऐसा हुआ भी है. कोरोना के चलते देश में लॉकडाउन है. अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो रही है. देश में बड़ी आबादी के सामने रोटी-रोजगार का संकट आन पड़ा है और कोरोना लोगों के लिए जानलेवा हो गया है. लेकिन आचार्य राजेश जी महाराज ने कहा है कि 29 जून तक कोरोना का प्रभाव खत्म होेने लगेगा. लेकिन इस समय में हमें बेहद सावधान रहने की आवश्कता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि 15 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल तक कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ेती. इसलिए हमें अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहिए.
क्वेरेंटाइन और आइशोलेशन को लेकर ज्योतिष क्या कहता है?
ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महाराज ने ज्योतिष ग्रंथों का अध्यनन करने के लॉकडाउन के हालातों के गणना की है. जब हम पैदा होते हैं तभी से हमारे साथ शास्त्र, धर्मग्रंथ, ग्रह, नक्षत्र जुड़ जाते हैं. हमारी कुंडली होती है, राशि होती है, कुछ ग्रह हमारे अनुकूल होते हैं कुछ प्रतिकूल. हमारा नाम किस अक्षर पर रखा जाएगा ये भी इन्हीं के आधार पर तय होता है. ग्रह-नक्षत्र के आधार पर हम अपने नए काम की शुरुआत करते हैं. तो क्या जब हमारी जिंदगी में लॉकडाउन जैसे हालात आए हैं…जब एक वायरस ने इंसान के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है. बड़े-बड़े हथियार, न्यूक्लियर बॉम्ब, लोगों की महंगी गाड़ियां, हवाई जहाज सब बेकाम के हो गए हैं तो इसमें गृह, नक्षत्रों का कोई प्रभाव है…क्या इसका कोई ज्योतिषी या धार्मिक आधार है. क्या हमारे शास्त्रों में ऐसी किसी बात का जिक्र है?
आचार्य जी बताते हैं नरपति जयचर्या सरोदय ग्रंथ में ग्रहों के परिवर्तन के बारे में विस्तार से लिखा गया है. उनके मुताबिक 24 जनवरी 2020 को शनि का परिवर्तन उत्तराखांड़ा नक्षत्र में होता है. धनु राशि से शनि मकर राशि में आया. ठीक उसके बाद भारत में उत्पात मचना शुरु हो गया. एनआरसी को लेकर हंगामा बढ़ा, दिल्ली में दंगे हुए, कोरोना का प्रकोप शुरु हुआ. आचार्य जी ने बताया है कि आइशोलेट और क्वेरेंटाइन शनि ग्रह के कारण होता है. उनके मुताबिक भारत का लग्न और लग्नेश पीड़ित है और ये दोनों शनि ही हैं. उन्होंने बताया कि ग्रंथों और शास्त्रों की गणना से ये पता चलता है कि कोरोना बीमारी 29 जून से सही होना शुरु हो जाएगी.