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लॉकडाउन में शराबियों का ख्याल रखने वाला सीएम

CM who takes care of alcoholics in lockdown

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है. इसके चलते शराब की दुकानों को भी बंद किया गया है. इसके चलते उन लोगों की समस्याएं बढ़ गईं हैं जिन्हें नशे की लत थी. कई जगह से ऐसी खबरें आईं हैं जहां लोगों की शराब न मिलने से तबीयत बिगड़ने लगी. इसको देखते हुए केरल के सीएम ने ये अहम कदम उठाया है.

कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से लोगों में तनाव को लेकर तो चर्चा हो रही है मगर साथ ही शराब की लत वालों से जुड़ी चिंता भी हो गई है. बताया जा रहा है कि केरल में 38 साल के एक शख्स ने पिछले तीन दिन से शराब नहीं मिलने के चलते आत्महत्या कर ली. त्रिशूर पुलिस स्टेशन में दर्ज फर्स्ट इंफ़र्मेशन रिपोर्ट (एफ़आईआर) में कहा गया है कि इस शख्स ने एक सूसाइड नोट छोड़ा था जिसमें कहा गया था कि वह पिछले तीन दिन से शराब नहीं पी पा रहा था और वह इसे बर्दाश्त नहीं कर पाया. केरल समेत कई राज्यों में लॉकडाउन में शराब की दुकाने बंद होने के बाद नशे के लती लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

केरल के सीएम ने जारी किया प्रोटोकॉल

केरल सरकार ने अपने हेल्थ वर्कर्स के बड़े नेटवर्क के लिए प्रोटोकॉल जारी करते हुए कहा है कि नशे से जूझ रहे लोगों के परिवार वाले क्या करें. केरल में डिस्ट्रिक्ट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के तहत ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ मिलकर घर-घर जाकर लोगों को उनके परिवार के लोगों को नशे के लती लोगों की निगरानी करने के लिए कह रहे हैं.

https://www.youtube.com/watch?v=YhankVp_II0&t=19s

किन बातों का रखें ख्याल

  1. समय, स्थान, लोगों को लेकर भ्रम होना, संदेह पैदा होना, डर लगना, अवास्तविक चीजों का भ्रम होना, गुस्सा आना. इसे सीवियर विद्ड्रॉल स्टेटस कहा जाता है.
  2. नींद न आना, एंग्जाइटी, बेचैनी, उबकाई आना, उल्टी होना औऱ हाथों में झनझनाहट होना है. इसे माइल्ड विद्ड्रॉल स्टेटस कहा जाता है.
  3. झटके लगना, समन्वय न होना, गुस्सा और चिड़चिड़ाहट होना. इसे मॉडरेट विद्ड्रॉल स्टेटस कहा जाता है.

कोरोना वायरस और शराब की लत

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एक आंकड़े के मुताबिक केरल में करीब एक फीसदी पुरुष आबादी अल्कोहल की लती हैं ऐसे में यह एक मुश्किल वक्त है और नशे के लती जो माइल्ड और मॉडरेट विद्ड्रॉल लक्षण वाले हैं उन्हें भी इलाज देना जरूरी है. अल्कोहल की बीमारी के शिकार लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक ने जिला मेडिकल अफ़सरों (डीएमओ) से कहा है कि हर अस्पताल में कम से कम 10 से 20 बेड नशे की लत छुड़ाने के लिए रखे जाए. इतना ही नहीं केरल सरकार ऐसे शराबियों का विशेष प्रबंध भी कर रही है. कुछ लोगों को शराब मुहैया कराने के आदेश भी दिए गए हैं.

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