गीला होना बहुत बड़ी दिक्कत नहीं है, जरूरी ये है कि वो सुरक्षित रहें…
बरेली में दिल्ली से आए मजदूरों को जिले की सीमा पर रोककर कीटाणूनाशक से नहला दिया गया. कोरोना वायरस के चलते शहरों से पलायन करके आए मजदूरों को जिले सीमा पर प्रशासन के लोगों ने रोका और उनके ऊपर सेनेटाइजर का झिड़काव कर दिया. जिला प्रशासन का कहना है कि मजदूरों को बिना सेनेटाइज़ किए जिले में घुसने की अनुमति नहीं दी जा सकती. ये इन लोगों और जिले के लोगों के लिए जरूरी है.
इस तस्वीर को देखकर लग रहा है कि जैसे गाड़ियों धोई जा रही हों. लेकिन ये मजदूर हैं जो दिल्ली से लॉकडाउन होने के बाद अपने घरों में भागकर आए हैं. मजदूरों के इस समूह में महिलाएं भीं शामिल हैं. जब प्रशासन के लोग इनके ऊपर ये पाइप से सेनेटाइज़र का झिड़काव कर रहे थे तो इन लोगों के पार इनका सामान भी था. बरेली के बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए बनाए गए चेकप्वाइंट पर इन मजदूरों को रोका गया था.
जिला प्रशासन ने खुद इस पूरी घटना का वीडिया भी बनाया है. बरेली में कोरोनावायरस के लिए बनाए गए नोडल इंचार्ज अशोक गौतम ने बताया कि प्रशासन ने मजदूरों को क्लोरीन, सेनेटाइजर और पानी से नहला है. इसमें कोई कैमिकल नहीं था. उन्होंने कहा कि सरकारी बसों से सैकड़ों लोगों की भीड आ रही थी और सभी को सैनेटाइज़ करना आसान नहीं था इसलिए उन्होंने ये रास्ता निकाला. क्योंकि ये जरूरी है कि ये लोग सुरक्षित अपने घरों में पहुंचे. हमने ये कोशिश की ये लोग सुरक्षित रहें और हमने इनसे आंखे बंद करने के लिए भी कहा था.
बरेली का ये वीडिया वायरल होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इसे शर्मनाक बताया है.समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा है कि बरेली प्रशासन द्वारा किया गया अमानवीय कार्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है.
उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं.
क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं?
केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है?
भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है? –
भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है?
अशोक गौतम ने बताया है कि उन्होंने जो किया वो सही है क्योंकि इस बीमारी को खत्म करने के लिए ये जरूरी है. उनके मुताबिक इस तरह सेनेटाइज़र से नहला देने के बाद इन मजदूरों के शरीर पर वायरस नहीं बचेगा.