2020 में न तो महंगाई कम होगी और न ही बेरोजगार युवाओं के लिए कोई अच्छी खबर आएगी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रिसर्च की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ के मुताबिक इन दोनों ही मोर्चे पर सरकार को कई कामयाबी नहीं मिलने वाली है.
2020 में एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौकाने वाले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को कोई राहत नहीं मिलने वाली है. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया रिसर्च की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ के अनुसार, सब्ज़ियों की क़ीमत लगातार बढ़त की वजह से जनवरी महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई आठ फ़ीसदी से भी ऊपर जा सकती है. रिपोर्ट की माने तो सब्जियों की कीमतें और बढ़ेंगी जिससे खुदरा महंगाई की दर में इजाफा होगा. दिसंबर 2019 में भी ये दर 7.35 फ़ीसदी तक पहुंच गई थी.
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मौजूदा वक्त की बात करें तो खुदरा महंगाई की जो दर इस समय है वो पांच साल की सबसे ज्यादा दर है. वहीं भारतीय रिज़र्व बैंक के मुताबिक़ यह सामान्य के स्तर से ऊपर जा चुकी है. इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में नौकरियों में भारी गिरावट की आशंका है. ‘इकोरैप के मुताबिक़’ अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से देश में रोज़गार पर बहुत बुरा असर पड़ा है. रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 के मुक़ाबले इस वित्त वर्ष 2019-20 में 16 लाख कम नौकरियां आने की आशंका हैं. पिछले वित्त वर्ष में रोज़गार के कुल 89.7 लाख नए मौक़े आए थे.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में बताया गया है कि असम, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से मज़दूरी और नौकरी के लिए बाहर गए लोगों के घर वापस भेजे जाने वाले पैसों में भी कमी दर्ज की गई है. ये आकंड़े सीधे सीधे संकेत देते हैं कि लोगों की कमाई पर असर पड़ा है. ये रिपोर्ट उन सरकार के लिए झटका है क्योंकि सरकार को उम्मीद थी कि 2019 में अर्थव्यवस्था के जो आकंड़े थे वो 2020 में बदलेंगे.
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