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अगर इस सर्वे की माने तो PM मोदी देश चलाने में फेल हो गए!

If this survey is accepted then PM Modi failed to run the country!

मोदी सरकार के कामकाज के आंकलन को लेकर कई सर्वे हुए हैं. सर्वे में सरकार के बारे में अच्छी बुरी बातें कही गई हैं. लेकिन मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सोस के एक सर्वे में बताया गया है कि PM मोदी देश को सही राह पर ले जाने में फेल हो गए.

शुक्रवार को जारी हुए मार्केट रिसर्च कंपनी इप्सोस की रिपोर्ट ‘वॉट वरीज द वर्ल्ड’ के मुताबिक, अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 3% शहरी भारतीयों की चिंताएं बेरोजगारी को लेकर बढ़ गई. वहीं, बाकी लोगों ने भविष्य को लेकर निराशा जताई. सर्वे के मुताबिक, 46% शहरी भारतीयों में बेरोजगारी का मुद्दा बड़ी चिंता के तौर पर सामने आया. इस सर्वे में सबसे बड़ी बात ये है कि देश के 61% लोगों ने वोटिंग की है जिसमें लोगों ने माना है कि देश गलत राह पर जा रहा है.

इस सर्वे का सैंपल साइज 20 हजार लोगों का था. इसे दुनिया के 28 देशों में इप्सोस ऑनलाइन पैनल प्रणाली के जरिए किया गया. सर्वे कंपनी का कहना है कि “सरकार को रोजगार पैदा करने पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है क्योंकि नौकरियों की कमी शहरी भारतीयों को परेशान करती है. ज्यादातर युवा नौकरी से जुड़ते हैं. इसके अलावा, अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है”

69% लोग भविष्य को लेकर आशावादी

लोग देश के हालातों को लेकर भले ही चिंतित हों लेकिन आशाएं नहीं छोड़ी हैं. बेरोजगारी को लेकर चिंताएं बढ़ने के बावजूद वोट में भाग लेने वाले ज्यादातर शहरी भारतीयों (69%) ने कहा कि भारत जिस दिशा में बढ़ रहा है, उसे लेकर वे आशावादी हैं. बेरोजगारी के अलावा भारतीयों में वित्तीय तथा राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध तथा हिंसा, गरीबी तथा सामाजिक विषमता और जलवायु परिवर्तन भी मुख्य चिंता का विषय है.

श्रम मंत्रालय के मुताबिक, देश में 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1% रही। यह 45 साल में सबसे ज्यादा थी. इससे पहले 1972-73 में बेरोजगारी दर का यही आंकड़ा था. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की रिपोर्ट जनवरी में लीक हुई. इसके अनुसार, देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 6.1% रहा. हालांकि नीति आयोग ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. लेकिन ये सर्वे बताता है कि युवाओं में बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता है. ऐसे में मोदी सरकार के लिए इस सर्वे के आंकड़े खुशफहमी वाले कतई नहीं हैं.

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