सरकार इंटरनेट बंद करे तो कैसे करें चैटिंग, नेटबंदी के क्या हैं नियम?
भारत में किसी इलाके का नेटबंदी करने के लिए नियम बनाए गए हैं. 2017 में आए टेंपरेरी सस्पेंसन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी रूल्स में ये नियम बताए गए हैं.
किसी भी जगह पर नेटबंदी करने का एक नियम होता है. स्थिति को देखते हुए केंद्र या राज्य सरकार के गृह सचिव इंटरनेट बंद करने का आदेश देते हैं. इस आदेश को पुलिस अधीक्षक या उससे ऊपरी रैंक के अधिकारियों को भेजा जाता है. ये अधिकारी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से उक्त इलाके का इंटरनेट बंद करने का आदेश देते हैं. काम यहीं खत्म नहीं हो जाता है. नेटबंदी का जो आदेश जारी किया जाता है वो अगले कामकाजी दिवस में केंद्र या राज्य सरकार के रिव्यू पैनल को भेजना होता है. यह रिव्यू पैनल अगले पांच कामकाजी दिनों में इसकी समीक्षा करते हैं. केंद्र सरकार के रिव्यू पैनल में कैबिनेट सचिव, लॉ सचिव और संचार सचिव होते हैं वहीं राज्य सरकार के पैनल में मुख्य सचिव, लॉ सचिव और एक और सचिव स्तर का अधिकारी होता है.
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आपातकालीन स्थिति में केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनके द्वारा अधिकृत संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं. इस आदेश को 24 घंटे में गृह सचिव की अनुमति जरूरी होती है. 2017 से पहले जिला कलेक्टर के पास जिले का इंटरनेट बंद करवाने का अधिकार होता था. सरकार के पास इंटरनेट के अलावा कॉल और मैसेज को भी बंद करने का अधिकार होता है. इसलिए अगर आपको लगता है कि नेटबंदी करने का अधिकारी सिर्फ एक आदमी के पास होता है तो आप गलत है. लेकिन क्या आप बिना इंटरनेट के चैटिंग कर सकते हैं. चलिए ये भी जान लेते हैं.
नेटबंदी के बाद कैसे होगी चैटिंग?
देखिए! इंटरनेट मतलब नेटवर्कों का जाल होता है. जैसे आजकल कई ऐप्स वाईफाई से फाइल ट्रांसफर की सुविधा देते हैं. साथ ही ब्लूटूथ से फाइल ट्रांसफर का पुराना तरीका आज भी काम आता है. ब्लूटूथ और मोबाइल के वाईफाई और हॉटस्पॉट का इस्तेमाल कर मैसेज आगे पहुंचाया जा सकता है. कई सारे मोबाइलों के वाईफाई या ब्लूटूथ को बनाए गए नेटवर्क को मैश नेटवर्क कहते हैं. इनकी पहुंच ज्यादा नहीं होती है. एक मोबाइल के मैश नेटवर्क की रेंज उसके ब्लूटूथ और वाईफाई की रेंज तक सीमित होती है. लेकिन अगर कई सारे मोबाइलों को आपस में जोड़ा जाए तो इस मेश नेटवर्क की रेंज असीमित की जा सकती है. हांगकांग में हुए प्रदर्शनों के दौरान ऐसी कई ऐप्स का इस्तेमाल किया गया था जो मेश नेटवर्क पर बिना इंटरनेट के काम करती हैं. तो सरकार अगर नेटबंदी करती है फिर भी चैटिंग की जा सकती है लेकिन भारत में इंटरनेट के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है इसलिए यहां लोग ऐसा नहीं कर पाते.
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