सीएए को विरोध पूरे देश में बढ़ता जा रहा है. अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ खुलकर उतर आई हैं. उन्होंने विरोध प्रदर्शन में न केवल केंद्र की बीजेपी की सरकार बल्कि प्रधानमंत्री को भी निशाने पर लिया.
सीएए अगर वापस नहीं लिया गया तो मोदी सरकार की विदाई तय है. उन्होंने कहा कि कैब को मिड नाइट में पास करा कर कानून बना दिया. लेकिन सीएबी इतना अच्छा है तो प्रधानमंत्री आपने वोट क्यों नहीं डाला. ममता बनर्जी ने सीएए का विरोध करते हुए कहा कि जब तक सरकार इसको वापस नहीं लेती विरोध होता रहेगा. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री संसद में थे लेकिन वोट नहीं डाले तो इसका मतलब ये है कि आप भी इसे सपोर्ट नहीं करते. अगर नहीं सपोर्ट करते तो इसको ख़ारिज कर दीजिए.” ममता बनर्जी कह रही है कि मोदी सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है.
ममता बनर्जी ने कहा है कि, “प्याज़ का भाव दो सौ रुपये है, बेरोज़गारी बढ़ रहा है, इंडस्ट्री बंद हो रहे हैं, रुपये की कीमत गिर रही है… लेकिन सरकार सबको छुपाने के लिए एक बिल लेकर आ गई है. जो भी इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहा है उसे वो देशद्रोही बोल दे रहे हैं.” उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले मोदी होते कौन हैं. ममता ने कहा कि आज़ादी के समय बीजेपी नहीं थी फिर वो कैसे यह तय कर सकती है कि कौन देश का नागरिक रहेगा और कौन नहीं.
उन्होंने कहा, “आप आज़ादी के आंदोलन में नहीं थे, आपकी पार्टी का जन्म 1980 में हुआ था. आप गांधी, नेहरू, पटेल, आज़ाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस के साथ नहीं थे. आप पांच साल सत्ता में रहने के बाद यह तय करेंगे कि कौन नागरिक रहेगा और कौन नहीं…एक नागरिक के तौर पर हम पूछें कि आप कौन हैं हमें हमारी मां का जन्मप्रमाण पत्र देना पड़ा तो आपको भी देना पड़ेगा. आप यह तय कर लें कि आपके पास सब प्रमाणपत्र हैं या नहीं?
हम हमारी मां का प्रमाणपत्र नहीं दे सकेंगे. क्या हम गुजरात, यूपी में छानबीन करें? त्रिपुरा में नहीं करोगे, आपकी सरकार है. असम में कुछ बोलते हैं, कुछ और करते हैं. पूर्वोत्तर राज्य, बिहार, दिल्ली, यूपी सब जल रहा है. कभी लट्टू, कबड्डी, फ़ुटबॉल नहीं खेला और बीजेपी बड़ा खिलाड़ी बन गई. बीजेपी को कोई नहीं चाहता है. 38 फ़ीसदी वोट मिला, 62 फ़ीसदी ख़िलाफ़ है.” उन्होंने की सीएए के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं औस सरकार कितने लोगों को गोली मारेगी?
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