फ्रांस देशव्यापी हड़ताल से ठप हुई व्यवस्था, कई जगह हिंसक झड़पें

0
France stalled by nationwide strike, violent clashes in many places

फ्रांस में देशव्यापी हड़ताल की वजह से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. स्कूल कॉलेज बन कर दिए गए हैं और कार्यालयों का काम भी प्रभावित हुआ है. पूरे देश में पविहन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. ये हड़ता पेंशन सुधारों के खिलाफ की जारी रही है.

फ्रांस में पेंशन सुधारों के खिलाफ हो रही है देशव्यापी हड़ताल की वजह से व्यपवस्था ठप पड़ हो गई है. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह पर हिंसक झड़पें भी हुई हैं और अब तक राजधानी पेरिस में ही करीब 87 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. फ्रांस के 40 शहरों में करीब साढ़े चार लाख लोगों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है. इसके अलावा पेरिस में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है. सीजीटी यूनियन जो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है वो कह रही है कि अकेले पेरिस में ढाई लाख लोगों ने पेंशन सुधारों के ख़िलाफ़ मोर्चा निकाला. सीजीटी यूनियन के मुताबिक श्रमिकों ने देश की आठ तेल रिफाइनरी में से सात को बाधित कर दिया है और अगर हड़ताल जारी रही तो ईधन की कमी हो सकती है. पेरिस में एफ़िल टॉवर समेत दूसरे पर्यटक को बंद कर दिया गया.

सरकार के खिलाफ क्यों खोला गया मोर्चा?

दरअसल फ्रांस में कामकाजी वर्ग पेंशन योजना में प्रस्तावित सुधारों से खफा है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों फ्रांस में एक “यूनिवर्सल प्वाइंट बेस्ड पेंशन प्रणाली” शुरू करना चाहते हैं. उनका इरादा इसे फ्रांस की मौजूदा पेंशन स्कीम की जगह लागू करने का है. फिलहाल फ्रांस में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 42 अलग-अलग पेंशन स्कीम चल रही हैं. इनमें रिटायमेंट की उम्र और लाभ अलग-अलग हैं. नए प्रस्तावों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की योजना है. तय समय से पहले रिटायर होने वालों को कम भुगतान मिलेगा. सरकार के इस फैसले से लोग नाराज हैं. हड़ताल में शिक्षकों और परिवहन कर्मचारियों के साथ पुलिस, वकील, अस्पतालों के कर्मचारी, हवाई अड्डे के कर्मचारी और अन्य कामकाजी लोग भी शामिल हैं.

वर्कर्स फोर्स से जुड़े क्रिस्टियन ग्रोलियर ने कहा, “हमें अर्थव्यवस्था को ठप करना होगा.” राष्ट्रपति बनने के बाद से मैक्रों सुधारों के लिए प्रयासरत रहे हैं. उन्होंने श्रमिक कानूनों में रियायतें दी हैं और व्यापार के लिए करों में कटौती की है. सरकार के फैसले के खिलाफ ट्रेड यूनियनों के कुछ नेताओं का कहना है कि जब तक मैक्रों रिटायरमेंट सिस्टम में आमूलचूल बदलाव लाने की योजना ताक पर नहीं रखते तब तक हड़ताल जारी रहेगी. हड़ताल का समर्थन करने वालों में 18 से 34 साल के लोग बहुतायत में हैं.

(राजनीति.ऑनलाइन के एंड्रॉएड ऐप आप डाउनलोड कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *