कर्नाटक में विधानसभा की 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. ये उपचुनाव राज्य में बीजेपी सरकार के लिए बेहद अहम हैं. इन चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 दिसंबर को स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है. इन चुनावों के नतीजे ही तय करेंगे कि चार महीने पुरी येदियुरप्पा सरकार रहेगी या जाएगी.
कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर आज (5 दिसंबर) उपचुनाव हो रहा है, जो बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली 4 महीने पुरानी बीजेपी सरकार का भविष्य तय करेंगे. इस दौरान करीब 38 लाख वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उपचुनावों के नतीजे सोमवार (9 दिसंबर) को जारी होंगे. ये चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के लिए बीजेपी अपनी पूरी ताकत लगा रही है. ये वो विधानसभा सीटें हैं जहां के विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 17 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने से ये सीटें खाली हो गई थीं. इनमें से 13 सीटों पर बीजेपी ने कांग्रेस-जेडीएस का साथ छोड़कर आए नेताओं को उतारा है. 224 सदस्य वाली विधानसभा में सरकार बरकरार रखने के लिए येदियुरप्पा को 15 में से कम से कम 6 सीटें जीतना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं होता तो येदियुरप्पा के लिए अपनी सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा.
जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें बेंगलुरु की सीटें भी शामिल हैं. यहां 4 विधानसभा क्षेत्रों में 56 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. ऐसे में कर्नाटक सरकार ने 5 दिसंबर को स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया है. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 15 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि जेडीएस 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में 12 सीटों पर चुनाव त्रिकोणीय होने का अनुमान है.
बेलगावी जिले के अठानी, उत्तर कन्नड़ जिले के येलापुर और बेंगलुरू ग्रामीण जिले के होसाकोटे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. बीजेपी ने चुनाव मैदान में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर आए क्रमश: 11 और तीन विधायकों को उतारा है. इन लोगों ने 14 नवंबर को सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थामा था.