अयोध्या विवाद: राम जन्मभूमि पर फैसले से पहले क्या-क्या हो रहा है?

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सुप्रीम कोर्ट किसी भी दिन अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुना सकता है. बाबरी राम जन्मभूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायरमेंट से पहले ही इस ऐतिहासिक फैसले को सुनाएंगे . फैसला आने से पहले क्या क्या इंतजाम किए जा रहे हैं यह जानना अहम है.

राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला आने से पहले सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. इस ऐतिहासिक फैसले से पहले किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी ओमप्रकाश सिंह समेत कई वरिष्ठ अफसरों से मिलेंगे. बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस अयोध्या केस में फैसला आने से पहले तैयारियों का जायजा लेंगे. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रहा प्रशासन ने सुरक्षाकर्मियों की सौ कंपनियां मांगी है.

अयोध्या जिले को 4 जोन में बांटा गया

सुरक्षा के मद्देनजर अयोध्या जिले को चार जोन- रेड, येलो, ग्रीन और ब्लू में बांटा गया है. इनमें 48 सेक्टर बनाए गए हैं. विवादित परिसर, रेड जोन में स्थित है. पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा योजना इस तरह बनाई जा रही है कि एक आदेश पर पूरी अयोध्या को सील किया जा सके. प्रशासन ने फैसले का समय नजदीक आने पर, अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियां मांगी हैं. इससे पहले दीपोत्सव पर यहां सुरक्षाबलों की 47 कंपनियां पहुंची थीं, जो अभी भी तैनात है.

सिर्फ इतना नहीं अयोध्या पुलिस ने करीब 16000 वॉलिंटियर्स की तैनाती भी की है यह वालंटियर सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के दुष्प्रचार को रोकने के लिए उसकी निगरानी करेंगे अयोध्या में 16100 जगहों पर यह वॉलिंटियर तैनात किए गए हैं पूरे जिले में करीब 3000 लोगों को चिन्हित किया गया है जिन पर प्रशासन की नजर है.

अयोध्या के जिला अधिकारी अनुज कुमार ने भी तैयारियों का जायजा लिया और पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि हमारी तैयारियां चाक-चौबंद है. फैसले के मद्देनजर विवादित जगह के आसपास रहने वाले लोग घरों में राशन जमा कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि सामान्य जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. फैसले के बाद स्कूलों के खुलने के संबंध में भी बातचीत की जा चुकी है.

रेलवे ने आरपीएफ की छुट्टियां रद्द कीं

अयोध्या पर फैसले को देखते हुए रेल पुलिस (आरपीएफ) ने भी एडवाइजरी जारी की है. सभी जोन कार्यालयों को भेजे गए 7 पन्नों के दस्तावेज में प्लेटफॉर्म, स्टेशन और यार्ड पर खास निगरानी रखने को कहा गया है. साथ ही हिंसा की दृष्टि से संवेदनशील और ऐसे स्थानों की पहचान करने को कहा है, जहां असामाजिक तत्व विस्फोटक छुपा सकते हैं. भीड़भाड़ वाले 78 स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया है, जिनमें मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशन शामिल हैं. साथ ही, रेलवे स्टेशन और आस-पास मौजूद धार्मिक स्थानों की खास निगरानी करने को कहा गया है. आरपीएफ ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और अयोध्या पर फैसला आने से पहले रेलगाड़ियों में भी अतिरिक्त बल तैनात करने की बात कही है.

ऐतिहासिक ऐतिहासिक मामले की सुनवाई 40 दिन चली

बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि मामले में 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले पर 40 दिन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होंगे. यहां आपको यह भी बता दे. 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का क्षेत्र तीन हिस्सों में समान बांट दिया जाए। एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड, दूसरा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा रामलला विराजमान को मिले। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दाखिल की गई थीं.

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