महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. बीजेपी ये उम्मीद कर रही थी कि वो अकेले दम पर बहुमत का आंकड़ा पार कर लेगी. लेकिन जो नतीजे आए हैं वो बीजेपी के लिए चौंकाने वाले हैं. बीजेपी ने चुनाव में बमुश्किल 100 का आकंड़ा पार किया है और ऐसे में शिवसेना तेवर दिखा रही है और एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन शिवसेना के साथ कुछ अप्रत्याशित कर सकता है.
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं जिसमें एनसीपी और कांग्रेस ने उम्मीद से कहीं ज्यादा सीटें हासिल की हैं. कांग्रेस को ये कतई उम्मीद नहीं थे कि वो इस तरह का प्रदर्शन कर पाएगी. दूसरी तरफ एनसीपी नेता शरद पवार ने जिस तरह से चुनाव में प्रचार किया उसका असर साफ दिखाई दे रहा है. नतीजे देखकर ये लगता है कि शिवसेना इस मौके को पूरी तरह से भुनाएगी.
शिवसेना की तरफ से पहली बार उद्धव ठाकरे के बेटे मुलुंड से चुनावी मैदान में थे जो जीत गए. ये पहली बार था जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव मैदान में था. लिहाजा शिवसेना चाहेगी कि ये मौका मिला है इसको भुना लिया जाए. अगर उद्धव ठाकरे यहां कोई पैंतरा दिखाते हैं तो वो कांग्रेस-एनसीपी-अन्य के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं.
बीजेपी के लिए ये समय दोनों राज्यों में मुश्किल है. हरियाणा में चौटाला की पार्टी जेजेपी अहम हो गई है और महाराष्ट्र में फड़नवीस फैक्टर उतना काम नहीं कर पाया जिसकी उम्मीद थी. ऐसे में ये अहम हो जाता है कि बीजेपी शिवसेना को साध कर चले. क्यों राजनीति में कुछ भी मुमकिन है. अगर कांग्रेस और एनसीपी ने अन्य के साथ मिलकर शिवसेना का बाहर से समर्थन दे दिया तो बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है.