Site icon Rajniti.Online

हरियाणा में बीजेपी की शिकस्त के बाद कांग्रेस बना रही है सरकार?

Congress forming government in Haryana after BJP's defeat?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में नतीजे आने के बाद एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जबरदस्त वापसी की है. कांग्रेस ने एग्जिट पोल्स के नतीजों को गलत साबित कर दिया और बीजेपी से जबरदस्त मुकाबला किया है.

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी 75 सीटें जीतने का दावा कर रही थी. नतीजों के बाद अब बीजेपी के ये अरमान तो पूरा नहीं हो पाया लेकिन कांग्रेस के लिए जश्न मनाने वाली स्थिति बन गई है. जिस कांग्रेस के बारे में कहा जा रहा ता कि वो दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी उसने बीजेपी नींदे हराम कर दी हैं. परिणाणों के रुझान से लग रहा है कि यहां किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुत नहीं मिलने जा रहा. लेकिन जेजेपी ने 11 महीनों के भीतर किंगमेकर की भूमिका में आ गई है.

दुष्यंत चौटाला बन सकते हैं किंग?

जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला किंगमेकर की भूमिका में आ गए हैं. रुझानों को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि हरियाणा की सत्ता की चाबी उनके पास होगी. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बीजेपी बहुमत के क़रीब है लेकिन बहुमत से दूर रहने पर दुष्यंत चौटाला की भूमिका अहम हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सीटों पर बराबर आगे हैं. ऐसे में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जिनती भी सीटें जीतेगी वो महत्वपूर्ण हो जाएंगी. दुष्यंत चौटाला की पार्टी के बारे में कहा जा रहा है कि वो 7 से 10 सीटें जीत सकती है.

कांग्रेस की सरकार चौटाला के साथ से बनेगी

शुरुआत तौर पर ये लग रहा है कि चौटाला और हुड्डा में आखिरी समय में डील हो सकती है. क्योंकि हरियाणा की जनता ने जो फैसला किया है वो खट्टर के खिलाफ है. ऐसे में हरियाणा के दो जाट नेता अगर साथ आते हैं तो राज्य में नया समीकरण बनेगा. 35-1 का नारा हरियाणा के चुनाव में खुब गूंजा था. इस नारे का मतलब ये था एक जाट और बाकी 35 जातियों के बीच मुकाबला था. जाट सत्ता को फिर से चहा रहे थे और अब ऐसे लग रहा है जाट वोटबैंक इसमें कामयाब रहा है.

देवी लाल के वंशज दुष्यंत चौटाला

अभी तक दुष्यंत ने पत्ता नहीं खोला है कि वो हरियाणा में खंडित जनादेश की स्थिति में किसके साथ जाएंगे. दुष्यंत ने कहा, “फ़ैसला दुष्यंत चौटाला को नहीं करना है. हम विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे और उसके बाद ही कोई फ़ैसला लेंगे.” दुष्यंत चौटाला ने कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन की पढ़ाई की है. ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) में पारिवारिक कलह के बाद दुष्यंत को पार्टी से बाहर कर दिया गया था. दुष्यंत बेहत महत्वाकांक्षी माने जाते हैं और किसी भी कीमत पर सीएम बनना चाहेंगे. ऐसे में अगर हुड्डा उन्हें मना पाते हैं तो कांग्रेस की सरकार बन सकती है.

Exit mobile version