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‘नमामि गंगे’ का खर्च 5 साल में 15 गुना बढ़ा, जल शक्ति मंत्री ने कहा गंगा साफ होने में लगेगा वक्त

‘नमामि गंगे’ प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के जरिए गंगा को साफ करने की कोशिश हो रही है. ताजा रिपोर्ट बताती है कि इस प्रोजेक्ट का खर्चा पांच साल में पांच गुना बढ़ गया है. वहीं अगर गंगा सफाई की बात करेंगे तो गंगा अभी भी उतनी ही मैली है जितनी पांच साल पहले थी.

मोदी सरकार ने जब ‘नमामि गंगे’ प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी तो पहले साल का वास्तविक खर्च 170.99 करोड़ रुपये था. अब पांच साल बात ये बढ़कर 2018-19 में 2,626.54 करोड़ रुपये हो गया है. मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट में अभी तक 298 प्रोजेक्ट पास हुए हैं जिसमें 40 STP से संबंधित हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो इस प्रोजेक्ट का खर्च पांच साल में 15 गुना बढ़ गया है. लेकिन गंगा अभी भी उतनी ही मैली है. स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा के मुताबिक,

 “वर्तमान देनदारियों और स्वीकृत परियोजनाओं के आधार पर हमें नमामि गंगे के तहत वास्तविक व्यय 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। यह गंगा को साफ करने के लिए एक साल में खर्च की जाने वाली उच्चतम राशि होगी।”

‘नमामि गंगे’ के नए बजट में गंगा की सहायक नदियों की योजनाओं और परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी, जिसमें नए एसटीपी के कमीशन के अलावा मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का पुनर्वास और उन्नयन शामिल है. ये प्रोजेक्ट 2014-15 में मोदी सरकार ने ये कहते हुए लांच किया था कि गंगा हमारी मां है और हम इसे स्वच्छ करेंगे. पहले साल इसके लिए 170.99 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे जो इस वित्त वर्ष में बढ़कर 2018-19 में 2,626.54 करोड़ रुपये हो गए हैं.

‘नमामि गंगे’ में 20 हजार करोड़ रुपये हो चुके हैं आवंटित

केंद्र सरकार ने 2015-2020 के बीच में गंगा की सफाई पर खर्च करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दावा किया है कि 2021 तक गंगोत्री और हरिद्वार के बीच गंगा स्वच्छ हो जाएगी. उनका कहना है कि 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ से पहले सभी घरेलू सीवेज और साथ ही औद्योगिक अपशिष्टों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार गंगा सफाई के लिए प्रतिबद्ध है और जर्मनी की राइन नदी की सफाई में 30 साल लगे थे हम भी वक्त के साथ गंगा साफ कर देंगे.

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