हरियाणा में कांग्रेस को एक और झटका लगा है. विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर उन्हें पार्टी से शिकायत थी. उन्होंने पार्टी को 13 सुझाव दिए थे लेकिन इन्हें माना नहीं गया. तंवर ने पार्टी छोड़ने के बाद विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर हरियाणा कांग्रेस को हाईजैक करने का आरोप लगाया है.
हरियाणा में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 24 तारीख को नतीजे आएंगे. चुनाव से पहले कांग्रेस को अशोक तंवर ने तगड़ा झटका दिया है. हरियाणा के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. तंवर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस्तीफा पोस्ट करके हुए कहा है कि वो ठेकेदारों की पार्टी को छोड़ रहे हैं. दो दिन पहले तंवर ने हरियाणा कांग्रेस की सभी चुनाव समितियों से इस्तीफा दे दिया था.
अशोक तंवर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर खफा चल रहे थे. उन्होंने टिकट वितरण में खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है और कहा है कि कांग्रेस को एक आदमी ने हाईजैक कर लिया है. उन्होंने काफी तल्ख लहजे में कहा कि कांग्रेस अब ठेकेदारों की कांग्रेस हो गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस अब हुड्डा कांग्रेस बन चुकी है. 21 अक्टूबर को मतदान से पहले कांग्रेस के लिए तंवर का जना बड़ा झटका है. उन्होंने कहा,
”मैंने 26 साल कांग्रेस को दिए और खून-पसीना एक कर पार्टी को बचाया। फिलहाल जिस तरह की व्यवस्था है, मैं समझता हूं कि लाखों साथियों की राजनीतिक हत्याएं कर दी गईं और कुछ की होनी बाकी है। इसमें मैं भी शामिल हूं, मेरी भी राजनीतिक हत्या की गई है। बहुत से लोग हैं, जो पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। यह माहौल किसने बनाया, इसे बताने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग कहते हैं भारत को कांग्रेस मुक्त करना है, लेकिन कांग्रेस के कुछ अंदरुनी लोग कांग्रेस को भारत और हरियाणा से मुक्त करना चाहते हैं।”
अपने इस्तीफे में तंवर ने कहा कि उन्हें लगातार बीजेपी और दूसरी पार्टियों से ऑफऱ मिलते रहे लेकिन वो नहीं गए. तंवर ने कहा कि कुछ लोग 5 साल तक एसी कमरों में बैठते हैं, विदेश यात्राएं करते हैं, पैसा उन्होंने कमा रखा है. चुनाव से ठीक पहले प्रकट हो जाते हैं, जैसे वे देवता हों, लेकिन उनके कर्म देवता वाले नहीं हैं. तंवर को नाराजगी है कि उनके जैसे काम करने वाले नेता को कांग्रेस में सम्मान नहीं दिया गया.
अपने इस्तीफी में तंवर ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस के उत्थान के लिए 13 सुझाव दिए थे लेकिन उन्हें नहीं माना गया. इसमें पिछड़े, मुस्लिम और सिखों को सही अनुपात में टिकट देने के लिए कहा था. इसके अलावा कर्मचारी नेता और ट्रेड यूनियन के किसी प्रतिनिधि को टिकट देने की मांग की थी. जेजेपी और इनेलो से आए नेताओं को टिकट न देने जैसे सुझाव थे. उन्होंने कहा कि पार्टी का एक धड़ा कांग्रेस की 134 साल पुरानी विरासत को खत्म करना चाहता है.