कांग्रेस के लिए अच्छी खबर ये है सोनिया गांधी पार्टी को ट्रैक पर लाने की जो कोशिशें कर रही हैं उसके लिए जरूरी फंड का इंतजाम होने लगा है. पार्टी ने जो आंकड़े पेश किए हैं उसक मुताबिक पार्टी को करीब 5 गुना ज्यादा चंदा मिला है.
कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. ऐसे में उम्मीद पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से हैं. सोनिया पार्टी को नए सिरे से बनाने में लगी हैं. ऐसे में अच्छी खबर है कि कांग्रेस को मिलने वाले इस्तीफे में इजाफा हुआ है. पार्टी को इलेक्टोल बॉन्ड्स के द्वारा कोई चंदा नहीं मिला है और कुल चंदे में से 98 करोड़ रुपए इलेक्टोरल ट्रस्ट के चंदे से ही मिले हैं. पार्टी को जो चंदा मिला है उसमें पांच गुना ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है.
पार्टी ने 30 अगस्त को चुनाव आयोग में जो आकंड़े पेश किए उसके मुताबिक साल कांग्रेस को 2018-19 में 146 करोड़ रुपए का चंदा मिला है. जो कांग्रेस पिछले वित्तीय वर्ष में मिले चंदे से पांच गुना ज्यादा है. क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में कांग्रेस सिर्फ 26 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. हालांकि कांग्रेस के चंदे में जो इजाफा हुआ है वो बीजेपी को मिले चंदे से काफी कम है.
कांग्रेस पार्टी को जिन ट्रस्ट से चंदा मिला है, उनमें द प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट (टाटा ग्रुप द्वारा समर्थित) से सबसे ज्यादा 55 करोड़ रुपए का चंदा मिला है. वहीं प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (भारती एयरटेल और डीएलएफ द्वारा समर्थित) से 39 करोड़ रुपए, आदित्य बिरला जनरल ट्रस्ट और समाज द्वारा 2-2 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया. किसी बड़े कॉरपोरेट हाउस ने पार्टी को बड़ा चंदा नहीं दिया है.
कुछ कॉरपोरेट हाउस जैसे ग्वालियर एल्कोब्रू (7 करोड़), HEG और निरमा ग्रुप(2.5-2.5 करोड़) अपर्णा इंफ्रास्ट्रक्चर हाउसिंग लिमिटेड (1 करोड़) मनीपाल ग्रुप के टीवी मोहनदास पई (35 लाख रुपए) को छोड़कर किसी ने पार्टी को बड़ा चंदा नहीं दिया है. बेंगलुरू की फौजिया खान ने निजी तौर पर सबसे ज्यादा चंदा दिया है. फौजिया खान ने कांग्रेस को बतौर चंदे 4.4 करोड़ रुपए दिए हैं.
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बात करें तो दोनों ने पार्टी फंड में 54-54 हजार रुपए का चंदा दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने 2 लाख, पवन बंसल और मनीष तिवारी ने 35-35 हजार और नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी ने भी 35-35 हजार रुपए का चंदा दिया है. पार्टी को मिला चंदा बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन पिछले सालों के मुकाबले इसमें अच्छी खासी बढ़ोत्तरी हई है.
भाजपा ने अभी तक चुनाव आयोग में अपने चंदे के आंकड़े पेश नहीं किए हैं। बता दें कि साल 2017-18 में भाजपा ने जो आंकड़े पेश किए थे उनके मुताबिक पार्टी को 1027 करोड़ रुपए का चंदा मिला था। उल्लेखनीय है कि प्रूडेंट ग्रुप द्वारा बीते साल भाजपा को 144 करोड़ रुपए का चंदा दिया गया, जबकि उसी साल इस ग्रुप ने कांग्रेस को 10 करोड़ रुपए का चंदा दिया था।
कांग्रेस को जहां इस साल इलेक्टोरल बॉन्ड से कोई चंदा नहीं मिला, जबकि भाजपा को मिले चंदे में इलेक्टोरल बॉन्ड्स का बड़ा हिस्सा होता है। बीते साल भाजपा को मिले कुल चंदे 1027 करोड़ में से 945 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड्स से ही मिले थे, जबकि इलेक्टोरल ट्रस्ट से 140 करोड़ रुपए मिले थे।