देश में प्याज के नई फसल तैयार होने वाली है लेकिन एमएमटीसी ने विदेशों से प्याज आयात करने का फैसला किया है. नई फसल और आयात की गई प्याज दोनों एक ही समय पर आएंगे. ऐसे में किसानों को लग रहा है कि भारत में पैदा हुआ प्याज सस्ता हो जाएगा.
MMTC सरकारी कंपनी है और उसके प्याज विदेशों के आयात करने का फैसला किया है. एमएमटीसी के रुख को लेकर प्याज किसानों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है. एमएमटीसी लिमिटेड ने पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफगानिस्तान और किसी अन्य क्षेत्र से प्याज आयात करने के लिए टेंडर जारी किये हैं. कंपनी के इस फैसले के बाद स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी का कहना है कि जब एक महीने बाद ही दिवाली के बाद हमारी खरीफ की फसल पूरी होने वाली है तो वह ऐसा कर सकते हैं?
किसानों ने ये भी सवाल उठाया है कि पाकिस्तान से प्याज क्यों आयात किया जा रहा है. क्या भारत के किसान पाकिस्तान से भी बड़े दुश्मन हैं. MMTC ने 6 सितंबर को टेंडर जारी किया है. टेंडर में कहा गया है कि शिपमेंट की डिलिवरी नवंबर माह के आखिर तक होनी चाहिए. नई फसल और आयात की गई प्याज दोनों एक ही समय पर आएंगे. ऐसे में किसानों को नुकसान होना तय है. फिलहाल नासिक में प्याज की कीमतें करीब 2300 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं.
सरकारी कंपनी ने जो टेंडर जारी किए हैं वो 2000 टन प्याज के लिए हैं. हालांकि ये बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन किसानों को लग रहा है कि इससे बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ेगा. किसानों को लग रहा है कि अगर विदेशी प्याज बाजार में आएगा तो किसानों को लागत के दाम भी नहीं मिल पाएंगे ऐस में ये जरूरी है सरकार किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए काम करे क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो वो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगें. अभी तक किसानों के रुख के बाद MMTC का कोई बयान नहीं आया है.