1990 में देश के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट रहे मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को नसीहत दी है कि हैडलाइन मैनेजमैंट छोड़ कर जीएसटी में बदलाव करें. पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने पांच उपाय बताए हैं जिससे की अर्थव्यवस्था को सुधारा जा सकता है.
डॉ.मनमोहन सिंह ने देश में मौजूदा आर्थिक मंदी के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा है कि मंदी से ज्यादा खतरनाक ये है कि सरकार मानने को तैयार नहीं है कि हालात ठीक नहीं हैं. मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र के नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सरीखे फैसलों की वजह से यह स्लोडाउन की स्थिति पनपी है. पूर्व पीएम ने साफ कहा है कि मोदी सरकार ‘हेडलाइन मैनेजमेंट’ की अपनी आदत से बाज आए और नकदी बढ़ाने पर जोर दे.
- मौजूदा आर्थिक संकट से देश को उबारने के लिए केंद्र को विशेषज्ञों और सभी स्टेकहोल्डर्स को ध्यान से सुनना चाहिए. अर्थव्यवस्था को वापस ट्रैक पर लाने के लिए उन्हें जीएसटी को ‘लॉजिकल’ (तार्किक) बनाना होगा.
- कृषि क्षेत्र और ग्रामीण उपभोग को रफ्तार देने के लिए नए तरीके इजाद करने होंगे. ऐसे ‘ठोस विकल्प’ होने चाहिए, जिनकी वजह से पैसा लोगों के हाथ तक सीधे पहुंचे.
- पूंजी के निर्माण के लिए पूरी व्यवस्था में लिक्विडिटी (नकदी) बढ़ानी होगी.
- टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और अफोर्डेबल हाउसिंग सरीखे प्रमुख श्रम आधारित क्षेत्रों को पुनःजीवित करना होगा. इस काम के लिए इजी लोन्स की जरूरत पड़ेगी.
- हमें नए निर्यात के मौकों को भी पहचानना और हासिल करना होगा, जो कि अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की वजह से पैदा हो रही हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इन पांच तरीकों से अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार ये मानने को ही तैयार नहीं है कि मंदी है तो फिर हालात ज्यादा खतरनाक हैं. उन्होंने कहा है कि मौजूदा सरकार को हेडलाइंस मैनेजमैंट करने की बजाए इस बात पर ध्यान देना होगा कि वो कैसे जीएसटी को सरल करे और दुरुस्त करे.