आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश को नजरबंद कर दिया गया है. इन दोनों नेताओं के साथ तेलुगु देशम पार्टी के कई नेताओं को भी नजरबंद कर दिया गया. ये दोनों नेता सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे थे.
आंध्र प्रदेश की राजनीति इन दिनों गर्माई हुई है. जगमोहन रेड्डी के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश को नजरबंद कर लिया गया है. दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ सरकार के विरोध में अपने आवास पर सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठे थे. पुलिस प्रशासन ने अटमाकुर समेत संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगा दी. इस वक्त नायडू को मीडिया से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.
चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि ये लोकतंत्र का काला दिन है. प्रशासन ने चंद्रबाबू के अलावा उनके कई समर्थकों को भी नजरबंद किया है. वहीं सरकार का कहना है कि नायडू हिंसा फैला रहे थे. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू और उनके समर्थकों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया. रेड्डी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया. इन नेताओं को नजरबंद किया गया. चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने कहा है कि ‘‘विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. प्रशासन या सरकार हमें नहीं रोक सकते. हमारे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है.”
नारा लोकेश ने कहा है कि वाईएसआर सरकार टीडीपी को तोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा वाईएसआर कांग्रेस के विधायक खुलेआम धमकी दे रहे. नारा लोकेश ने कहा ये लोकतंत्र की हत्या है और वो इसके खिलाफ खड़े रहेंगे. आपको बता दें कि चंद्रबाबू ने जगन रेड्डी पर राजनीतिक हिंसा करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया था और अपने समर्थकों से बुधवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक विरोध के लिए अपने-अपने क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठने की अपील की थी.
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टीडीपी ने ‘चलो अटमाकुर’ नारा भी दिया था. नायडू का कहना है कि सत्ताधारी दल टीडीपी समर्थकों की हत्याएं करा रहा है. टीडीपी का कहना है कि उनकी पार्टी के 8 कार्यकर्ताओं को तीन महीने में मार दिया गया. ज्यादातर हत्याएं गुंटुर जिले के अटमाकुर और पलनाडू क्षेत्र में हुंई. इन हत्याओं के विरोध में ही टीडीपी ने पलनाडू के अटमाकुर गांव तक रैली करने का फैसला किया था.