सरकार को ‘टैक्स आतंकवाद’ रोकना चाहिए: मनमोहन सिंह

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मनमोहन सिंह ने जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर मोदी सरकार भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है तो उसे एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत होगी. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को टैक्स आतंकवाद रोकना चाहिए.

जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि लंबे समय तक आजादी का छिन जाना कोई छोटी-मोटी कीमत नहीं होती है. उन्होंने कहा है कि अधिनायकवादी शासन की अपेक्षा व्यावहारिक लोकतंत्र का निश्चित तौर पर लाभ होता है. मनमोहन सिंह ने चीन का उदाहरण दिया और कहा कि चीन जैसे देशों में जहां नागरिकों को प्राथमिक तौर पर आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित रखने को कहा जाता है और एक ऐसा वातावरण तैयार कर दिया जाता है जहां निजी आजादी की कुर्बानी को सही ठहरा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे लोगों की आय बढ़ती है समाज की आकांक्षाएं बदलने लगती हैं और लोग लोकतांत्रिक ढांचा चाहने लगते हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लंबे समय तक आजादी का चले जाना कोई छोटी-मोटी कीमत नहीं होती है.’ उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों पर खड़े किए गए आर्थिक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है और एक सोची समझी रणनीति से ही भारत को 5 हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बना सकती है. हालांकि जब पूर्व प्रधानमंत्री मंच आ रहे थे तो छात्रों के एक गुट ने मोदी के समर्थन में नारेबाजी भी की. मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक असमानता, सांप्रदायिकता, गरीबी और धार्मिक कट्टरवाद के अलावा भ्रष्टाचार लोकतंत्र के सामने चुनौती के रूप में खड़े हैं.

मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि ‘इस समय हमारी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ती दिखती है. जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट आ रही है. निवेश की दर स्थिर है. किसान संकट में हैं. बैंकिंग प्रणाली संकट का सामना कर रही है. बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है.’ मोदी सरकार को टैक्स आतंकवाद रोकना चाहिए और हर तरह की आवाजों को सम्मान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आने वाले समय में सिद्धांतवादी, ज्ञानी और दूरदर्शी नेताओं की जरूरत है.

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