क्रिकेट के मैदान में बल्लेबाजों के छक्के छुड़ाने वाले मोहम्मद शमी जेल जा सकते हैं. उन्होंने अपनी गेदों से ना सिर्फ घरेलू मैदानों बल्कि विदेशी पिचों पर बल्लेबाजों को परेशान किया है. लेकिन वो अपनी गृहस्थी की पिच पर गेंदबाजी नहीं कर पाए.
बीते लगभग डेढ़ साल से मोहम्मद शमी ने गलत वजहों से ही सुर्खियां बटोरी हैं. पहले उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोप लगे और उसके बाद पत्नी हसीन जहां ने उन्हें उनके भाई के खिलाप घरेलू हिंसा और मारपीट का केस कर दिया. घरेलू हिंसा और मारपीट के मामले में ही शमी के खिलाफ कोलकाता की अलीपुर अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है. मोहम्मत शमी के भारतीय टीम के साथ वेस्टइंडीज दौरे पर होने की वजह से अदालत ने उनको आत्मसमर्पण करने और ज़मानत के लिए आवेदन देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है.
बीसीसीआई ने कहा है कि वो चार्जशीट देखने के बाद इस मामले में कोई फैसला करेगी. उन्होंने कहा है शमी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं है. चार्जशीट देखने के बाद इस मामले में कोई फ़ैसला किया जाएगा. इस केस में सुनवाई के दौरा अदालत के निर्देश के बाद भी मोहम्मद शमी हाजिर नहीं हुए थे इसलिए उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ है. बताया जा रहा है कि इस मामले में शमी अभी एक बार भी हाजिर नहीं हुए हैं. शमी के क्रिकेट के सिलसिले में देश से बाहर होने की वजह से उनको आत्मसमर्पण के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.
कब मुश्किल में फंसे थे मोहम्मद शमी?
भारतीय टीम के तेज गेंदबाद शमी के ऊपर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा और अत्याचार का मामला दर्ज कराया था. इस साल 14 मार्च को शमी और उनके भाई के खिलाफ उनकी पत्नी ने महानगर की अलीपुर अदालत में आरोपपत्र दायर किया था. हसीन जहां ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी उनके आवास पर मुलाकात की थी. हसीन जहां के आरोपों के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले साल मोहम्मद शमी को सेंट्रल कांट्रैक्ट से बाहर रखा था. लेकिन बाद में उनको हरी झंडी मिल गई थी. शमी को आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड दौरे से बाहर होना पड़ा और वो एक सड़क दुर्घटना का भी शिकार हो गए थे. शमी ने कई बात कहा है कि वो बेकसूर हैं और हसीन जहां ने उनके ऊपर गलत आरोप लगाए हैं.