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War And Peace : यलगार परिषद मामले से ‘वॉर एंड पीस’ किताब का कनेक्शन

War And Peace ‘वॉर एंड पीस’ किताब को यलगार परिषद मामले से क्या कनेक्शन हैं. ये समझने के लिए आपको ये समझना होगा इस किताब का जिक्र आया कहां से. दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े यलगार परिषद मामले के आरोपित वर्नोन गोन्साल्विस से ये सवाल किया है. कि तुम्हारे घर में ये किताब क्या कर रही थी.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े यलगार परिषद मामले के आरोपित वर्नोन गोन्साल्विस से पूछा है कि उनके घर से मिले उपन्यास ‘वॉर एंड पीस’ और कुछ कंप्यूटर सीडी कहां से आईं. हाईकोर्ट वर्नोन गोन्साल्विस की जमानत याचिका पर सुनावई कर रहा था. हाईकोर्ट के जज सारंग कोतवाल ने कहा कि इस तरह की किताबें और सीडी संकेत देती हैं कि आरोपितों के यहां देश-विरोधी सामान था. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक War And Peace ‘वॉर एंड पीस’ महान रूसी लेखक लियो टॉल्स्टॉय का मशहूर उपन्यास है.

War And Peace ‘वॉर एंड पीस’ उपन्यास को लेकर पुणे पुलिस ने दावा किया कि ये किताब गोन्साल्विस के घर से मिले ‘सबसे पुख्ता सांकेतिक सबूतों’ का हिस्सा है. पुणे पुसिल ने ये किताब एक साल पहले गोन्साल्विस के घर से बरामद की थी. पुलिस को उस दौरा कुछ सीडी भी मिलीं थीं. इनमें कुछ सीडी पर ‘राज्य दमन विरोधी’, ‘मार्क्सिस्ट आर्काइव’ और ‘जय भीमा कामरेड’ लिखा था. वहीं, किताबों में ‘वॉर एंड पीस’ के अलावा ‘अंडरस्टैंडिंग माओइस्ट’ और ‘आरसीपी रीव्यू’ जैसी किताबों के नामों का उल्लेख किया गया.

पुलिस को नेशनल स्टडी सर्किल द्वारा जारी की गई कुछ कॉपियों को भी पेश किया है. बरादम सामान को लेकर न्यायाधीश कोतवाल ने कहा,

‘सीडी का टाइटल ‘राज्य दमन विरोधी’ है. यही बता देता है कि इसमें कुछ राज्य विरोधी सामग्री है और ‘वॉर एंड पीस’ किसी दूसरे देश पर हमले के बारे में है. आपने ‘वॉर एंड पीस’ और सीडी के रूप में इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री अपने पास क्यों रखी? आपको इस बारे में अदालत को सफाई देनी होगी.’

आपको बता दें कि यलगार परिषद मामला एक जनवरी, 2018 को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा से जुड़ा है. ये हिंसा उस वक्त हुई थी जब भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर बड़ी संख्या में लोग म्हार सैनिकों को श्रद्धांजलि देने जा रहे थे. पुणे पुलिस का कहना है कि इस हिंसा से एक दिन पहले 31 दिसंबर, 2017 की रात को यलगार परिषद की बैठक हुई थी जिसमें शामिल कई सदस्यों ने भड़काऊ भाषण दिए थे. इस बैठक में वर्नोन गोन्साल्विस के अलावा शोमा सेन, रोना विल्सन, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा और गौतम नवलखा जैसे लोग मौजूद थे जिन्हें इस मामले में आरोपित बनाया है.

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