कश्मीर मुद्दे पर दुनिया में अलग-थलग पड़ने के बाद पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइल गजनवी का परीक्षण किया है. पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दुनिया का ध्यान खींचने के लिए बहुत कोशिशें कीं लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हुई.
संयुक्त राष्ट्र से लेकर भारत को गीदड़ भभकी देने के बाद अब उसने गुरुवार को बैलिस्टिक मिसाइल गजनवी का कराची के पास सोनमियानी उड़ान परीक्षण केंद्र पर परीक्षण किया है. पाकिस्तान ने जिस गजवनी मिसाइल का परीक्षण किया है वो बैलिस्टिक मिसाइल है. यानी सतह से सतह पर मारने वाली ये मिसाइल 290 किलोमीटर की दूरी तक का लक्ष्य भेदने में सक्षम है.
गजनवी पाकिस्तान की मध्यम दूरी का बैलेस्टिक मिसाइल है. इसे हत्फ-3 मिसाइल के नाम से जानते हैं. यह मिसाइल 700 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. ऐसे में पाकिस्तान का फिर से 300 किलोमीटर रेंज की ही गजनवी मिसाइल का परीक्षण करना दुनिया को तनाव का संदेश देने की कोशिश मात्र मानी जा रही है.
आपको बता दें कि गजनवी के निर्माण का काम 1987 में शुरु हुआ था. इसके बाद कई परीक्षणों से गुजर कर ये मिसाइल 2007 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुई पाकिस्तान के इस बैलेस्टिक मिसाइल की लंबाई 8.5 मीटर है. पाकिस्तान दावा करता है कि ये मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्पलैक्स ने इस मिसाइल को डिजाइन और डेवलप किया है. इसका पहला वर्जन 2004 से ही पाकिस्तानी सेना के पास है. लेकिन पाकिस्तान ने इस मिसाइल का दोबारा परीक्षण क्यों किया है. ये महत्वपूर्ण सवाल है. क्या पाकिस्तान भारत को जंग की चेतावनी दी है.
गजनवी के परीक्षण का मतलब क्या है?
पाकिस्तान की ओर से लगातार युद्ध की चेतावनी दी जा रही है. पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी. इमरान खान ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में भारत के साथ परमाणु युद्ध के संकेत दिए थी. पाक प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि उनके अन्य मंत्री भी युद्ध का राग अलाप चुके हैं. तो क्या ये मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान उस दिशा में सोच रहा है. क्योंकि पाक रेल मंत्री शेख राशिद का हाल ही में बयान आया था. और उन्होंने कहा था कि अक्टूबर या नवंबर तक दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है. लेकिन यहां ये बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि पाकिस्तान की माली हालत खराब है और उसकी गजनवी उसी को बर्बाद कर सकती है.