चिदंबरम को हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. यहां आपको ये जानना जरूरी है कि आखिर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम घोटाले में फंसे कैसे? आपको बता दें कि चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में अभियुक्त हैं और उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. हालांकि वो खुद को बेकसूर बता रहे हैं.
चिदंबरम पर गिरफ्तार हो चुके हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ये कहते हुए खारिज कर दी कि ‘प्रथम दृष्टया वो मामले के प्रमुख साज़िशकर्ता प्रतीत होते हैं.’ अब उनके के वकीलों ने अग्रिम ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख़ किया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए मामले को बुधवार को उपयुक्त बेंच के सामने ले जाने को कहा है. राहुल गांधी इसे साजिश करार दे रहे हैं उन्होंने इसको लेकर ट्वीट भी किया है.
कांग्रेस का सपोर्ट एक तरफ लेकिन चिदंबरम लगातार सीबीआई और ईडी से बचने के लिए भाग रहे थे. और दूसरी तरफ जांच एजेंसियां उनके पीछे पड़ी हैं. जांच एजेंसियों ने उनके घर के बाहर नोटिस चिपका दिया जिसमें उनसे पेश होने के लिए कहा गया था. लेकिन वो कौन सा मामला है जिसमें चिदंबरम फंसे हैं ये विस्तार से समझिए.
किस मामले में फंसे हैं चिदंबरम ?
जिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री फंसे हैं वो सीबीआई ने 15 मई, 2017 को दर्ज किया था. ये मामला मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया था. सीबीआई ने कंपनी पर आरोप ये लगाया कि आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फ़ंड लेने के लिए फ़ॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंज़ूरी में कई तरह की अनियमितताएं बरती गईं हैं.अब सीबीआई का कहना है कि 2007 में जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
चिंदबरम का नाम जब सामने आया जब जांच एजेंसियों ने आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी से ईडी ने पूछताछ की. अब आप सोच रहे होंगे कि इंद्राणी मुखर्जी ने ईडी को क्या बताया तो ईडी ने जो चार्जशीट बनाई उसके मुताबिक,
“इंद्राणी मुखर्जी ने जांच अधिकारियों को बताया कि चिदंबरम ने FIPB मंज़ूरी के बदले अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को विदेशी धन के मामले में मदद करने की बात कही थी.”
इंद्राणी से पूछताछ के बाद इस मामले में सीबीआई ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को फ़रवरी 2018 में चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया था. कार्ति चिदंबरम पर आरोप ये था कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ संभावित जांच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी. हालांकि बाद में कार्ति चिदंबरम को कोर्ट से जमानत दे दी थी. सीबीआई का कहना है कि आईएनएक्स मीडिया की पूर्व डायरेक्टर इंद्राणी मुखर्जी ने ये बताया था कि कार्ति ने पैसे मांगे थे. जांच एजेंसियों का ये भी कहना है कि पैसों का लेन देर दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में हुआ था. इंद्राणी मुखर्जी अभी जेल में हैं क्योंकि उनके ऊपर उनकी बेटी शीना के कत्ल का आरोप है.
एक और मामले में फंसे हैं चिदंबरम
सीबीआई आईएनएक्स मीडिया के मामले के अलावा 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे में भी उनकी की भूमिका की जांच कर रही है. इस सौदे की बात करें तो 2006 में मलेशियाई कंपनी मैक्सिस ने एयरसेल में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी. इस मामले में रजामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है. जब ये सौदा हुआ था तब वो यूपीए-1 सरकार में वित्त मंत्री थे. 2जी से जुड़े इस केस में चिदंबरम और उनके परिवार पर हवाला मामले में केस दर्ज है.
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इस मामले में चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुउपयोग किया. विदेशी निवेश की सीमा महज़ 600 करोड़ है फिर भी 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस डील को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की इजाज़त दी. हालांकि इस तमाम घोटालों को लेकर वो स्पष्ट तौर पर कहते रहे हैं कि ये राजनीति से प्रेरित है. लेकिन सवाल ये है कि क्या अब वो जेल से बाहर रह पाएंगे.