दुनिया की दो जानी मानी कार निर्माता कंपनी Toyota और Hyundai पर आर्थिक मंदी का असर दिखाई दिया है. Toyota और Hyundai ने भारत में कार उत्पादन पर रोक लगाते हुए कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
ऑटो सेक्टर में मंदी : अर्थव्यवस्था के बुरे दौर से गुजर रहे देश में Toyota और Hyundai जैसे बड़ी कार निर्माता कंपनियों ने भी अपना उत्पादन रोक दिया है. टोयोटा ने 13 अगस्त को जारी नोटिस में अपने कर्मचारियों से कहा कि कंपनी बाजार में वाहनों की कम डिमांड को देखते हुए बेंगलुरु प्लांट में 16 और 17 अगस्त को प्रोडक्शन नहीं करेगी. कंपनी के पास अभी 7000 वाहनों का स्टॉक है.
बिक्री में गिरावट को देखते हुए कंपनी ने ये कटौती की है. जापानी कार निर्माता टोयोटा मोटर के अलावा दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर ने भी बिक्री में गिरावट से निपटने के लिए गाड़ियों का प्रोडक्शन रोक दिया है. स्थिति यह है कि कंपनियों को अपनी यूनिटें बंद रखने को मजबूर होना पड़ रहा है. इसके साथ ही शिफ्ट में कटौती भी की जा रही है. पिछले कई महीनों से अर्थव्यवस्था में मंदी के चलते ऑटो सेक्टर की हालत खराब है.
कारों से पुर्जे बनाने वालों की हालत खराब
अर्थव्यवस्था में मंदी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार और बाइक की ब्रिकी पिछले दो दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई. इस साल जुलाई में लगातार नौवें महीने ऑटो सेल में बिक्री में गिरावट देखने को मिली. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक मंदी से निपटने के लिए कंपनियों अपने कर्मचारियों की छटनी कर रही है. सिर्फ ऑटो सेक्टर ही नहीं बल्कि डेनसो कॉर्प की भारतीय इकाई जो कारों के लिए पावरट्रेन और एसी सिस्टम बनाती है उसने भी अपने मानेसर प्लान से 350 अस्थायी कर्मचारियों को निकाल दिया है.
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मारुति के लिए फ्यूल टैंक और ब्रेक पैड बनाने वाली बेलसोनिका कंपनी ने भी अपने यहां मानेसर में 350 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है. वाहन बनाने वाली कंपनियों, वाहन के पुर्जे बनाने वाली कंपनी और डीलने ने अपने यहां से करीब 3.50 लाख नौकरियों में कटौती की है. टोयोटा और हुंडई की हालात भी टाटा और मारूति जैसी हो गई है हुंडई ने 9 अगस्त को एक मेमो जारी कर अगस्त में अपनी यूनिट के बॉडी शॉप, पेंट शॉप और अपने इंजन और ट्रांसमिशन प्लांट के साथ ही अन्य विभागों में कई दिन तक प्रोडक्शन को रोक दिया.