17वीं लोकसभा में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार कुछ ज्यादा ही तेजी से काम कर रही है. तीन तलाक समेत कुल 10 विधेयकों को मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सत्र में पास करा लिया है.
गाम्बिया दौरे से लौटते ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को तीन तलाक (मुस्लिम महिला-विवाह अधिकार संरक्षण) बिल पर जैसे ही हस्ताक्षर किए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पास हुए विधेयकों की संख्या 10 हो गई. 17वीं लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार-2 के पहले संसदीय सत्र में अब तक 10 विधेयक पास हो चुके हैं और ये बड़ी कामयाबी है. 17वीं लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद ये सभी विधेयक कोविंद के पास भेजे गए हैं.
वो विधेयक जो पास हुए
- मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019
- भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2019
- कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019
- अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध विधेयक, 2019
- जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक
- आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019
- नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बिल, 2019
- होम्योपेथी केंद्र परिषद (संशोधन) विधेयक, 2019
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) विधेयक, 2019
- केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षकों के संवर्ग में आरक्षण) विधेयक, 2019
ये वो विधेयक हैं जो अभी तक पास हुए हैं. इन विधेयकों में सबसे ज्यादा चर्चा तीन तलाक और आरटीआई संधोधन बिल की रही. तीन तलाक कानून के तहत अब तीन तलाक देने के दोषी पुरुष को 3 साल की सजा सुनाई जा सकेगी. पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे-भत्ते की मांग कर सकेंगी. इन सभी 10 विधेयकों में तीन तलाक बिल यानी मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 खास रहा था. लेकिन अब इसको पास कराने में मोदी सरकार कामयाब रही. राज्यसभा में वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 99 और विरोध में 84 वोट पड़े। बिल 25 जुलाई को लोकसभा से पास हो चुका था