तेजी से उभरते क्रिकेटर पृथ्वी शॉ डोपिंग के दोषी पाए गए हैं. दोषी पाए जाने के बाद पृथ्वी शॉ पर आठ महीने का बैन लगा दिया गया है. पृथ्वी शॉ के साथ दो और खिलाड़ियों को भी संस्पेंड किया गया है.
बीसीसीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि पृथ्वी शॉ ने अनजाने में एक प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर लिया था जो सामान्यतः कफ़ सिरप में पाया जाता है. इसलिए उन्हे आठ महीने के लिए संस्पेंड किया जा रहा है. बीसीसीआई ने बयान में कहा,
“शॉ ने 22 फ़रवरी 2019 को इंदौर में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के एक मैच के दौरान एंटी डोपिंग जाँच के तहत अपने मूत्र का नमूना दिया था. जाँच में उसमें टर्बुटालाइन पाया गया जो वाडा के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल है.”
बीसीसीआई ने कहा कि शॉ ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को स्वीकार किया मगर उन्होंने बताया कि उन्होंने ये पदार्थ जानबूझकर नहीं लिया बल्कि अपनी खांसी के लिए एक कफ़ सिरप के तौर पर लिया. पृथ्वी शॉ एक उभरते हुए खिलाड़ी हैं और भारत को उनसे बहुत उम्मीदें हैं.
बीसीसीआई ने कहा है शॉ के जवाब से वो संतुष्ट हैं कि उन्होंने ये दवा खांसी के लिए ली थी ना कि अपने प्रदर्शन को अच्छा करने के लिए. चुंकि बीसीसीआई का कानून है कि इस तरह की दवाईयां लेने पर कार्रवाई की जाती है लिहाजा पृथ्वी शॉ पर आठ महीने का प्रतिबंध लगाया जा रहा है
पृथ्वी शॉ 16 मार्च 2019 से शुरु हो गया है और इसकी मियाद 15 नवंबर 2019 नहीं खेल पाएंगे. पृथ्वी शॉ के साथ साथ घरेलू क्रिकेट में विदर्भ के लिए खेलने वाले अक्षय दुलारवर और राजस्थान के लिए खेलने वाले दिव्य गजराज को भी 8 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. इन दोनों पर यही आरोप है.
पृथ्वी शॉ अपने पहले ही मैच में छा गए थे. मुंबई क्रिकेट संघ के साथ जुड़े पृथ्वी शॉ ने पिछले साल अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ शतक लगाया था और सचिन तेंदुलकर के बाद टेस्ट मैच में शतक लगानेवाले दूसरे सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज़ बन गए.