उन्नाव रेप पीड़िता की कार के एक्सीडेंट के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए एक ‘हादसे’ में उन्नाव रेप मामले की पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई है. पीड़िता के साथ उसके रिश्तेदार भी मौजूद थे जिनमें से दो की मौत हो गई है.
उन्नाव रेप पीड़िता को गंभीर हालत में लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. पीड़िता के साथ उनके वकील को भी गंभीर चोटें आईं हैं उनको भी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. रायबरेली में हुए हादसे के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि बलात्कार पीड़िता के साथ हादसा चौंकाने वाला है. इस केस में चल रही सीबीआई जांच कहां तक पहुंची है? आरोपी विधायक अब तक बीजेपी में क्यों है?
प्रियंका गांधी ही नहीं राहुल गांधी ने भी इस घटना को लेकर सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी ने कहा है कि अगर बलात्कार का आरोपी बीजेपी को हो तो कोई सवाल मत पूछिए.
घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भी सवालों के घेरे में हैं. सवाल ये है कि पीड़िता की सुरक्षा में चूक कैसे हो गई. उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने मीडिया से कहा है,
“हम इस मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं. प्राथमिक जांच से लग रहा है कि यह ओवरस्पीड के चलते हुआ हादसा है. ट्रक चालक और मालिक दोनों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. अगर परिवार चाहेगा तो हम मामले की जांच सीबीआई को सौंप सकते हैं.”
पीड़िता की कार और ट्रक के बीच रायबरेली के गुरबख़्शगंज थाना क्षेत्र में टक्कर हुई. उन्नाव के पुलिस अधीक्षक माधवेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया है कि,
“उन्नाव रेप मामले की पीड़िता समेत उनके दो रिश्तेदार और एक वकील एक कार में जा रहे थे. इस कार की एक ट्रक के साथ रायबरेली के गुरबख़्शगंज थाना क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त होने की ख़बर है.”
वहीं गुरबख्शगंज थाने के एसएचओ राकेश सिंह ने बताया कि ट्रक ड्राइवर मौके से फरार हो गया था जिसे बाद में हिरासत में ले लिया गया. उससे पूछताछ की जा रही है. सबसे अहम बात ये है कि जिस ट्रक से टक्कर हुई है उसकी नंबर प्लेट को डेमेज किया गया है. रायबरेली के पुलिस अधीक्षक सुनील सिंह का कहना है कि,
इसकी फॉरेन्सिक जांच कराई जा रही है और जैसा पीड़ित परिवार चाहेगा, वैसे एफ़आईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता ने पहले ही बताया था कि उसे जान का खतरा है. क्योंकि इस केस में आरोपी बीजेपी विधायक हैं लिहाजा उनके रसूख की वजह से पुलिस भी दवाब मे थी. इस केस में उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक और बीजेपी के नेता कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप है. चुंकि कुलदीप सेंगर पर उनके गाँव माखी में घर के पास ही रहने वाली जिस नाबालिगग लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया था उसी का एक्सीडेंट हुआ है इसलिए सवाल बड़े हैं.
सीबीआई कर रही है इस हाईप्रोफाइल केस की जांच
सीबीआई इस कथित रेप कांड की जांच कर रही है. बीते साल अप्रैल में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ़्तार किया गया था. आपको बता दें इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि किसी भी दोषी को बख़्शा नहीं जाएगा. जून 2019 में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने सीतापुर के जिला जेल में कुलदीप सेंगर से मुलाक़ात की थी. साक्षी महाराज ने तो कुलदीप सिंह सेंगर को यशस्वी और लोकप्रिय बताते हुए उनकी तारीफ की थी.
कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़ा हुआ ये मामला जून 2017 का है. उस वक्त पीड़ित नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि विधायक कुलदीप सेंगर ने अपने घर पर उस वक़्त उसके साथ बलात्कार किया था जब वो अपने एक रिश्तेदार के साथ उनके घर पर नौकरी मांगने गई थी. इस मामले में पुलिस ने रिपोर्ट ने नहीं लिखी थी जिसके बाद कोर्ट की मदद से रिपोर्ट दर्ज हो पाई थी. विधायक के भाई ने तीन अप्रैल को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट भी की थी जिसके बाद हिरासत में लड़की के पिता की मौत हो गई.
कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ उन्नाव के माखी थाने में बलात्कार और पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. और सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है. इस मामले में हो रही देर के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी हस्तक्षेप किया था. अब पीड़िता के कार का एक्सीडेंट होने के बाद उत्तरप्रदेश पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है.