प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के जाने-माने सेलेब्रिटीज ने एक चिट्ठी लिखी जिसमें मॉब लिंचिंग को लेकर चिंता जाहिर की है. जिन लोगों ने पीएम को चिट्ठी लिखी है उन्हें मुख्तार अब्बास नकवी ने ‘अवॉर्ड वापसी 2’ बताया है.
23 जुलाई को सेलेब्स ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें लिखा गया था कि मतभेद के बिना कोई लोकतंत्र नहीं होता. इन लोगों को विरोध जताने पर देशविरोधी या अर्बन नक्सल करार नहीं देना चाहिए. सेलेब्स ने देश में बढ़ती मॉब लिंचिग पर चिंता जाहिर की थी और कहा था दलितों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जरूरी है. इस चिट्ठी को लेकर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे गैरजरूरी करार देते हुए कहा,
‘‘2014 के बाद भी हमने ऐसी ही चीजें देखी थीं। उसे अवॉर्ड वापसी नाम दिया गया था। यह उसका दूसरा हिस्सा है।’’
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के हवाले से खबरे हैं कि नकवी ने हिंसक घटनाओं पर सरकार की चुप्पी को लेकर लेखकों की ओर से जताए गए विरोध पर ये प्रतिक्रिया दी है. नकवी ने कहा,
‘‘लोकसभा चुनाव में हार के बाद आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिकता का रंग देने की कोशिश की जा रही है।’’
आपको बता दें कि मोदी सरकार पार्ट 1 में भी कई रचानात्मक लोगों ने मॉब लिंचिग को लेकर चिंता जाहिर की थी और इन लोगों को अवॉर्ड वापसी गैंग कहा गया था. इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला खत लिखा गया है. फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन, केतन मेहता, सिंगर शुभा मुद्गल, अनुराग कश्यप, मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, अभिनेत्री सौमित्रा चटर्जी, कोंकणा सेन शर्मा, इतिहासकार सुमित सरकार, तनिका सरकार, पार्था चटर्जी और रामचंद्र गुहा के अलावा लेखक अमित चौधरी ने पीएम को लिखी गई चिट्ठी पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस चिट्ठी में मुस्लिमों, दलितों और अन्य समुदायों के लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं को तुरंत रोकने की मांग की गई है. साथ ही, कहा था कि जय श्रीराम अब युद्धघोष बन चुका है. हालांकि इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री नकवी ने साफ कहा है कि आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए. दलित और अल्पसंख्यक इस देश में सुरक्षित हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को इस तरह रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.