आयुष्मान भारत योजना घोटाले की चपेट में आ गई है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में बड़ा घोटाला हुआ है. इस योजना के तहत फर्जी कार्ड बनाने वाले 993 केंद्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है. मोदी सरकार की इस योजना का मकसद गरीबों को बेहतर इलाज दिलाना है. लेकिन इस योजना में भी जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. नवभारत टाइम्स के मुताबिक अभी तक इस योजना में घोटाला करने वाले 9 सौ से ज्यादा अस्पतालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश के आगरा के 900 और पीलीभीत के तीन केंद्र हैं. वहीं, 250 से ज्यादा अस्पतालों को योजना के पैनल से बाहर कर दिया गया है. खबर है कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की एंटी फ्रॉड यूनिट ने इन मामलों का पता लगाया है. बताया जाता है कि इस यूनिट के सामने ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें पुरुषों के गर्भाशय निकालने के ऑपरेशन किए गए हैं. वहीं, कई महंगी सर्जरियां केवल कागजों पर किए गए हैं.
मोदी सरकार की इस योजना को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है. एक साल के भीतर ही ये योजना घोटाले की चपेट में आ गई है. इससे पहले इस आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तराखंड में भी घोटाले की खबरें आईं थीं. पता चला है ताजा मामले के मुताबिक एक डॉक्टर एक दिन में चार जगह पर ऑपरेशन कर रहा था. ये भी पता चला है कि गरीबों की महंगी सर्जरी की गई. जो कि पूरी तरह से फर्जी थी. हैरान करने वाली बात ये है कि पुरुषों के गर्भाषय निकालने तक का मामला सामने आय़ा है.