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टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद विराट की कप्तानी पर उठे सवाल

टीम इंडिया इंग्लैंड में हो रहे क्रिकेट विश्व कप से बाहर हो गई है. सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के हाथों का हाथ का सामना करना पड़ा. मैन्चेस्टर में खेले गए सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने विराट सेना को 18 रन से हरा दिया.

सेमीफाइनल हारने के बाद विराट कोहली ने जहां न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की तारीफ की वहीं टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. मैच खत्म होने के बाद भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली और सचिन तेंदुलकर समेत कई दिग्गजों ने एक्सपर्ट कमेंट देते हुए कहा कि आपको जीतने के लिए एक या दो बल्लेबाजों के भरोसे नहीं रहना चाहिए. गांगुली ने कहा कि

‘जब भारत ने 5 रन पर 3 विकेट खो दिए थे, तब धोनी को बल्लेबाजी करने के लिए भेजना चाहिए था. उन्हें 7 नंबर पर बल्लेबाजी करने भेजना बड़ी गलती रही. जडेजा के अच्छा खेलने की एक वजह ये भी थी कि दूसरे छोर पर धोनी थे. अगर 3 विकेट गिरने के बाद पंत के साथ दूसरे छोर पर धोनी होते तो यकीनन ये साझेदारी मैच को आगे ले जाती. धोनी दूसरे छोर पर पंत को समझाते रहते। पंत और पंड्या ओल्ड ट्रैफर्ड में हवा की दिशा के विपरीत शॉट खेलकर आउट हुए। वे धोनी ही थे, जो दूसरे छोर पर इन युवा खिलाड़ियों को ऐसा बारीकियां समझा सकते थे। इस मैच से हमें जडेजा की अहमियत को भी समझना होगा. आप टीम में कितने भी चाइनामैन और लेग स्पिनर ले आएं, लेकिन रवींद्र जडेजा वनडे टीम का अहम हिस्सा हैं’

दादा के अलावा मास्टर ब्लास्टर सचिन ने भी अपने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सेमीफाइनल के प्रेशर की बात की और बताया कि न्यूजीलैंड से मिली हार के पीछे क्या कारण है. उन्होंने कहा,

240 रन चेज नहीं कर पाना निराश करने वाला है. हर बार रोहित या कोहली टीम को जीत नहीं दिला सकते. दूसरे खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी. पहली बार हमारे टॉप-3 खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके. न्यूजीलैंड के खिलाफ ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक और हार्दिक पंड्या अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे. यह भी अच्छा नहीं कि धोनी हर बार हमें जीत दिलाएं. कई बार वे मैच जिताने वाली पारी खेल चुके हैं

वहीं अपनी कलाईयों से विरोधियों को छका देने वाले टीम इंडिया के वेरी वेरी स्पेशल खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण ने भी भारतीय टीम की हार पर विराट के फैसले को जिम्मेदार ठहराया. लक्ष्मण ने कहा,

धोनी को पंड्या के बाद मैदान पर भेजा गया. यही सबसे बड़ी गलती रही. दिनेश कार्तिक को भी धोनी से पहले भेजा गया. धोनी को 2011 फाइनल की तरह मंच तैयार करना था. तब धोनी खुद को प्रमोट करते हुए युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिए आए थे और टीम को वर्ल्ड कप जिताया था

टीम इंडिया के लिए खेल चुके तीनों खिलाड़ियों ने धोनी के बैटिंग ऑर्डर में बदलाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. जाहिर सी बात है कि जडेजा की बेहतरीन पारी धोनी के कारण ही संभव हो पाई. अगर पंत और पांड्य के साथ भी धोनी होते तो बहुत मुमकिन है कि भारत फाइनल में पहुंच चुका होता.

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